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कैराना-पानीपत रोड पर मौत का सामान बने डग्गामार वाहन, प्रशासनिक लापरवाही से बढ़ रहा खतरा!

यातायात नियमों की धज्जियां, पुलिस-आरटीओ की मूक सहमति से जनता की जान पर खेल रहे ड्राइवर!

नाबालिग चालक और अधूरे कागजात वाले वाहनों की दहशत: डग्गामारी के साये में कैराना-पानीपत की सड़कें!

कैराना से पानीपत तक जिले की सड़कें इन दिनों मौत का अखाड़ा बनी हुई हैं। डग्गामार वाहनों और टेंपो की अराजक चाल से हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। नियमों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे ये वाहन यात्रियों को जिंदगी-मौत के बीच झूलने पर मजबूर कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन और परिवहन विभाग की लचर निगरानी इन्हें खुली छूट दे रही है।

नियमों का मजाक, जानों से खिलवाड़:

सूत्रों के मुताबिक, कैराना, शामली और पानीपत के ग्रामीण व शहरी इलाकों में चलने वाले टेंपो और डग्गामार वाहनों में सवारियों को ‘माल’ समझकर ठूंसा जा रहा है। जहां 8 यात्रियों की क्षमता वाले वाहनों में 15-20 लोगों को भरा जा रहा है। इनमें से अधिकांश वाहनों के कागजात अधूरे हैं, कई को नाबालिग चालक संभाल रहे हैं, लेकिन पुलिस चौकियों के सामने से गुजरने पर भी कोई रोक-टोक नहीं होती। स्थानीय लोगों का आरोप है कि परिवहन विभाग और पुलिस की मिलीभगत से यह अवैध धंधा फल-फूल रहा है।

प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल:

आरटीओ कार्यालय और ट्रैफिक पुलिस द्वारा नियमित चेकिंग के दावों के बावजूद, इन वाहनों की धड़ल्ले से चलती पर कोई कार्रवाई नजर नहीं आती। गत सप्ताह कैराना-पानीपत रोड पर एक टेंपो के पलटने से 5 लोग घायल हुए, जिसके बाद भी प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई। स्थानीय निवासी रमेश कुमार का कहना है कि ये वाहन रोज हादसों को न्यौता दे रहे हैं। पुलिस इनसे महीनेभर की ‘कमाई’ करके आंखें मूंद लेती है।

जनता की पुकार: कब होगा संज्ञान?

अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं ने जनता को बेहद परेशान कर दिया है। स्थानीय युवाओं और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से तत्काल कड़े कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि ये वाहन मौत के फेरीबाज बन गए हैं। अगर समय रहते इन पर रोक नहीं लगी, तो बड़ा हादसा होने में देर नहीं लगेगी।

सवाल यही है कि क्या प्रशासन इन ‘मौत के दूत’ बन चुके वाहनों के खिलाफ आखिरकार कोई ठोस कदम उठाएगा, या फिर निर्दोष लोगों की जान जोखिम में डालकर यह खेल जारी रहेगा?

 

 

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