
यमुना में डूबी 13 वर्षीया सादमा का दो दिन बाद भी नहीं मिला सुराग, गोताखोरों का सर्च जारी!
नदी पार करते समय डूबे 5 भाई-बहनों में से चार बचे, किशोरी सादमा अब भी लापता!
कैराना में यमुना की गहराई में समाई किशोरी की तलाश, पुलिस ने गोताखोरों को दिए तेजी से काम करने के निर्देश!
कैराना (उत्तर प्रदेश)। यमुना नदी में डूबी 13 वर्षीय किशोरी सादमा का दो दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। घटना कैराना के गांव नंगलाराई निवासी हाशिम उर्फ हुसम के परिवार की है, जिन्होंने यमुना के दूसरे किनारे (हरियाणा) में कृषि भूमि ठेके पर लेकर प्लेज (ख़रबूज़ा, तरबूज़ आदि की खेती) लगाया हुआ था। विगत रविवार को दोपहर करीब 3 बजे हाशिम के पुत्र फारुख अपनी बहनें सादमा, परवीन, मायला और भाई जावेद के साथ नदी पार करके खेतों में काम करने जा रहे थे। इसी दौरान नदी के गहरे पानी में पांचों भाई-बहन अचानक डूब गए।
आसपास खेतों में काम कर रहे किसानों ने शोर सुनकर फारुख, परवीन, मायला और जावेद को बचा लिया, लेकिन सादमा नदी की धारा में बह गई। घटना की सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण यमुना किनारे पहुंचे, लेकिन रविवार को शाम तक और सोमवार को पूरे दिन प्राइवेट गोताखोरों व मोटरबोट की मदद से चलाए गए सर्च अभियान के बावजूद किशोरी का पता नहीं चल सका।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से घटना का ब्यौरा लिया और गोताखोरों को तलाशी अभियान तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि नदी का गहराई वाला हिस्सा होने के कारण सर्च ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
परिवार में मातम का माहौल:
सादमा के लापता होने से परिवार में दहशत है। पिता हाशिम ने बताया कि बच्चे रोजाना नदी पार करके खेतों में काम करने जाते थे, लेकिन इस बार नदी का बहाव तेज होने के कारण दुर्घटना हो गई। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि नदी पार करने के लिए नाव या पुल की व्यवस्था की जाए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
फिलहाल, गोताखोरों की टीम यमुना के संभावित स्थानों पर डाइविंग कर रही है, जबकि पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है।