
दलित बारातों में उपद्रव के खिलाफ आजाद समाज पार्टी का प्रशासन को झटका: सहारनपुर कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन सौंपकर की कार्रवाई की मांग!
दबंगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लागू करने की मांग, आसपा ने चेताया- ‘नहीं हुई कार्रवाई तो सड़कों पर उतरेगा आंदोलन!
बेहट के आलमपुर-टोडरपुर में दलितों की शादी में बाधा डालने वालों पर कार्रवाई का दबाव: आसपा कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन!
सहारनपुर। 21 अप्रैल। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जिला प्रशासन के समक्ष दलित समुदाय की बारातों में उपद्रव करने वाले दबंगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। पार्टी के जिला अध्यक्ष सचिन देव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा, जहाँ उन्होंने बेहट क्षेत्र के आलमपुर और टोडरपुर में हाल ही में हुई घटनाओं को लेकर ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि इन इलाकों में दलित समाज के लोगों द्वारा निकाली गई शादी की बारातों को कुछ दबंग तत्वों ने जानबूझकर विघ्न डालने का प्रयास किया। इस दौरान घुड़चढ़ी जैसी परंपराओं को रोकने और आपत्तिजनक टिप्पणियों का सिलसिला देखा गया, जिससे पीड़ित समुदाय में रोष फैला है।
पार्टी की मांगें
गैंगस्टर एक्ट लागू करना: आसपा ने मांग की कि उपद्रव करने वालों के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम सहित कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
राजनीतिक हस्तक्षेप रोकना: पार्टी ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल इन घटनाओं का फायदा उठाकर “रोटियाँ सेंकने” में लगे हैं, ऐसे संगठनों पर अंकुश लगाया जाए8।
त्वरित न्याय: प्रशासन से अपील की गई कि दलितों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएँ।
सचिन देव ने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि दलित समाज की अस्मिता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम प्रशासन को समय दे रहे हैं, लेकिन निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई तो जनआक्रोश फूटेगा।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोग
इस अभियान में पार्टी के जिला युवा मोर्चा अध्यक्ष दीपक गौतम, विक्की पालीवाल, अनूप सिंह, और सिंधुराज सहित कई कार्यकर्ता शामिल रहे। उन्होंने जिलाधिकारी से मुलाकात कर न केवल घटनाओं का विवरण दिया, बल्कि पीड़ित परिवारों के साथ हुई बातचीत के आधार पर तथ्य भी प्रस्तुत किए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
ज्ञापन प्राप्त करने के बाद जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए तत्काल जाँच का आश्वासन दिया। हालाँकि, अभी तक किसी ठोस कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई है।
राजनीतिक संदर्भ
आसपा ने पिछले कुछ महीनों में यूपी सरकार की नीतियों, विशेषकर बुलडोजर कार्रवाई और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर तीखी आलोचना की है। यह घटना उनके दलित अधिकारों के प्रति संघर्ष के नए चरण का संकेत देती है।