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मन्नामाजरा फायरिंग केस: गुट सरदार याहया गिरफ्तार, अवैध हथियार बरामद!

वर्चस्व की जंग में ताबड़तोड़ फायरिंग प्रकरण में पुलिस ने 17 आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया था संगीन धाराओं में मुकदमा!

कैराना गैंग वार में पांचवां आरोपी जेल रवाना, चार पहले ही थे हिरासत में, जावेद भाटी अभी तक फरार!

देखना यह है कि बाक़ी फरार अभियुक्तगण, नवागत कोतवाली प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद सिंह को चकमा देकर कबतक क़ानून के शिकंजे से बचे रहेंगे!

शामली। कैराना। पंद्रह दिन पहले गांव मन्नामाजरा में दो गुटों के बीच हुए खूनी संघर्ष के मामले में पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए गुट सरदार याहया उर्फ याहिया को अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले, पुलिस चार अन्य आरोपियों को जेल भेज चुकी है। याहया के कब्जे से 315 बोर का तमंचा और जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।

1 अप्रैल को मन्नामाजरा गांव में कैराना के दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई भड़की थी। इस दौरान ताबड़तोड़ फायरिंग और पथराव हुआ, जिसमें राकिब (पैर में गोली), रिजवान उर्फ चीमा (पैर में गोली), और परवेज उर्फ भाटी (सिर में ईंट की चोट) सहित तीन युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना के बाद गांव व आसपास के क्षेत्र में दहशत फैल गई थी। पुलिस ने 17 नामजद व कुछ अज्ञात आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से कारतूस के खोखे, दिल्ली नंबर वाली स्पोर्ट्स बाइक और अन्य साक्ष्य जुटाए थे।

गिरफ़्तार किया गया याहया, जो मोहल्ला आलखुर्द भूरा चुंगी का रहने वाला है, को एक गुट का प्रमुख सरदार बताया जा रहा है। पुलिस का दावा है कि वह पिछले कई वर्षों से क्षेत्र में अवैध हथियारों की तस्करी और गैंग वार में शामिल रहा है।

पूर्व गिरफ्तारियां: इससे पहले मुनव्वर (मन्नामाजरा निवासी) और परवेज भाटी समेत चार आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भेजा जा चुका है।

दोनों गुटों के सड़क-छाप टपोरियों ने शहर और आसपास के क्षेत्र का माहौल ख़राब कर रखा है, दोनों गुट अपने आपको शातिर मानते हैं, दोनों गुटों ने ‘007’, ‘चीमा भाई’ और ‘बाबा’ जैसे फेक अकाउंट्स बना रखे हैं और इन्हीं अकाउंट्स से एक-दूसरे के ख़िलाफ़ उकसाऊ पोस्ट्स शेयर करते हैं, और यहीं से संघर्ष और वर्चस्व की जंग शुरु होती है। और इन दोनों सड़कछाप गुट के सदस्य अपने आपको शातिर मानते हुए अक्सर निगरानी वाले या सीसीटीवी वाले इलाकों से दूर रहकर मारपीट जैसी अपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं।

लेकिन यह बात पक्की है कि इन सड़कछाप टपोरियों के ख़िलाफ़ समय रहते सख़्त कानूनी कार्रवाई नहीं हुई तो ये टपोरी समाज के लिए, शांति व्यवस्था और कानून व्यवस्था के लिए बहुत बड़ा ख़तरा बन सकते हैं।

मामले की जांच कर रहे एसएसआई यशपाल सिंह सोम ने बताया कि शेष आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार करने की कार्यवाही चल रही है। उन्होंने कहा कि हमने गैंग वार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। कानून-व्यवस्था बहाल करने के तक यह अभियान जारी रहेगा।

 

 

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