
वक्फ संशोधन कानून का पसमांदा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने किया समर्थन, कैराना में एसडीएम को सौंपा ज्ञापन!
वक्फ माफिया के खिलाफ नारेबाजी: ‘गली-गली में शोर हैं, वक्फ माफिया चोर हैं!
शमशाद मीर ने कहा- ‘ऐतिहासिक कदम है संशोधन, गरीब मुसलमानों को मिलेगा लाभ!
शामली। कैराना: राष्ट्रवादी पसमांदा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने सोमवार को कैराना के तहसील मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए हाल ही में लागू हुए वक्फ संशोधन कानून का समर्थन किया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमशाद मीर के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन एसडीएम स्वप्निल कुमार यादव को सौंपा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने “न कोई दूरी है, न कोई खाई है, नरेंद्र मोदी हमारा भाई है” और “पसमांदा समाज को इंसाफ दो” जैसे नारों के साथ वक्फ संपत्तियों पर कब्जा जमाए माफियाओं के खिलाफ आवाज बुलंद की।
प्रदर्शन का मुख्य आधार:
वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे का आरोप: शमशाद मीर ने कहा कि आजादी के बाद से वक्फ संपत्तियों पर मुस्लिम समुदाय की उच्च जातियों (अशराफ) का ही कब्जा रहा है। इन संपत्तियों से गरीब और पिछड़े मुसलमानों को कभी लाभ नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड की आमदनी का उपयोग शिक्षा, रोजगार और सामाजिक उत्थान के बजाय माफियाओं की जेब भरने में होता आया है।
संशोधन कानून को ऐतिहासिक बताया:
प्रदर्शनकारियों ने इस कानून को “गरीब मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा का ऐतिहासिक कदम” बताया। शमशाद मीर ने कहा कि यह संशोधन पसमांदा समेत सभी वंचित मुसलमानों को उनकी हिस्सेदारी दिलाएगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएगा।
राजनीतिक भड़काने के आरोप:
मीर ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसे संगठनों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुसलमानों को भड़काकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन में प्रमुख मांगें:
वक्फ संपत्तियों का पारदर्शी प्रबंधन और अवैध कब्जों की समाप्ति।
गरीब मुसलमानों के लिए शैक्षिक एवं आर्थिक योजनाओं में वक्फ की आय का उपयोग।
भ्रष्ट अधिकारियों और मुतवल्लियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई।
सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियाँ:
प्रदर्शन के दौरान कोतवाली प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे। एसडीएम स्वप्निल कुमार यादव ने ज्ञापन प्राप्त करने के बाद आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री कार्यालय तक मांगें पहुँचाई जाएंगी।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ:
बीजेपी का रुख:
बीजेपी ने इस संशोधन को “सामाजिक न्याय की दिशा में मील का पत्थर” बताया है। पार्टी ने पसमांदा मुसलमानों के बीच जागरूकता अभियान शुरू करने की योजना भी बनाई है।
पीएम मोदी का बयान:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कानून गरीब मुस्लिम महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करेगा। साथ ही, उन्होंने 2013 के कानून को “कट्टरपंथियों को खुश करने का प्रयास” बताया।
विरोधी संगठनों की प्रतिक्रिया:
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसे संगठनों ने इस कानून को “मजहबी हस्तक्षेप” बताकर विरोध किया है।
वक्फ संशोधन कानून की मुख्य विशेषताएँ:
वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण और पारदर्शी लेखा-जोखा।
राज्य वक्फ बोर्डों की जवाबदेही बढ़ाना।
अवैध कब्जों को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई का प्रावधान।
गरीब मुसलमानों के कल्याण के लिए वक्फ आय का निर्धारित हिस्सा आवंटित करना।
निष्कर्ष:
यह प्रदर्शन पसमांदा समुदाय की वक्फ संपत्तियों में न्याय की मांग और सरकारी नीतियों के प्रति समर्थन को दर्शाता है। संशोधन कानून के सफल क्रियान्वयन से न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, बल्कि सामाजिक-आर्थिक समानता की दिशा में भी ठोस कदम उठेंगे।