
UPI फिर डाउन: शनिवार को GPay, PhonePe और Paytm पर भुगतान ठप, यूजर्स का सोशल मीडिया पर बवाल
एक महीने में तीसरी बार UPI सर्विस में गड़बड़ी, NPCI की चुप्पी से बढ़ी यूजर्स की परेशानी
डिजिटल इंडिया पर सवाल: UPI की बार-बार रुकावट से उबले यूजर्स, कारोबारियों को लाखों का नुकसान
नई दिल्ली: 12 अप्रैल। देशभर में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सेवाएं शनिवार को एक बार फिर ठप हो गईं, जिससे लाखों यूजर्स डिजिटल भुगतान करने में असमर्थ रहे। GPay, PhonePe, Paytm और Amazon Pay जैसे प्रमुख ऐप्स पर ट्रांजैक्शन फेल होने की शिकायतें बढ़ गईं। सोशल मीडिया पर #UPIDown और #DigitalIndia ट्रेंड कर रहे हैं, जहां यूजर्स ने NPCI और बैंकों की चुप्पी पर नाराजगी जताई।
कब और कितनी गंभीर रही समस्या?
समय और शिकायतें: डाउनडिटेक्टर के अनुसार, सुबह 11:26 बजे से यूपीआई में दिक्कतें शुरू हुईं और 11:41 बजे तक 222 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं। दोपहर तक यह संख्या बढ़कर 1,168 हो गई।
प्रभावित ऐप्स: PhonePe (66%), Google Pay (45%), Paytm (23%), और Amazon Pay सहित 10 से अधिक बैंकों की सेवाएं प्रभावित हुईं।
समस्या का प्रकार: 82% यूजर्स को पेमेंट करने में, 14% को फंड ट्रांसफर में और 5% को ऐप एक्सेस में दिक्कत हुई।
यूजर्स की आपबीती और सोशल मीडिया पर गुस्सा
मुंबई के एक दुकानदार ने बताया कि “UPI डाउन होने से आज का 40% कारोबार प्रभावित हुआ। ग्राहक नकद नहीं लाते, इसलिए मजबूरी में उधार देने पड़े।
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने मजाक उड़ाते हुए लिखा कि अब तो होटल में बर्तन धोने की नौकरी ढूंढनी पड़ेगी!
एक यूजर ने कहा कि “NPCI को पहले से सूचना देनी चाहिए थी। हम वैकल्पिक तरीके अपना सकते थे।
NPCI और बैंकों की चुप्पी पर सवाल
तकनीकी कारण अभी अज्ञात: NPCI ने अभी तक आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, सर्वर ओवरलोड या तकनीकी गड़बड़ी इसकी वजह हो सकती है।
पिछली घटनाएं: यह पिछले एक महीने में UPI की तीसरी और पिछले एक साल में छठी बड़ी आउटेज है। 26 मार्च और 2 अप्रैल को भी ऐसी ही समस्याएं आई थीं।
यूजर्स के लिए जरूरी सलाह
बार-बार रिट्राई से बचें: डुप्लिकेट डेबिट या फ्रॉड के जोखिम को कम करने के लिए ट्रांजैक्शन दोहराने से परहेज करें।
UPI Lite का उपयोग: छोटे भुगतान के लिए UPI Lite (रोजाना ₹4,000 तक बिना PIN) का इस्तेमाल करें।
वैकल्पिक तरीके: नेट बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नकदी का सहारा लें।
ट्रांजैक्शन हिस्ट्री चेक करें: 48 घंटे बाद ऐप में स्टेटस देखें और बैंक से संपर्क करें।
UPI पर बढ़ती निर्भरता और चुनौतियां!
आंकड़े: 2024 में UPI ने कुल डिजिटल पेमेंट का 83% हिस्सा संभाला, जिसमें 93.23 अरब लेनदेन दर्ज हुए।
सिस्टम की नाजुकता: बार-बार की रुकावटें डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों पर सवाल खड़े करती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि NPCI को इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने और यूजर्स को रियल-टाइम अपडेट देने की जरूरत है।
UPI भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है, लेकिन लगातार हो रही तकनीकी खराबी यूजर्स के विश्वास को झटका दे रही है। इस समस्या का स्थायी समाधान ढूंढना और यूजर्स को पारदर्शी जानकारी देना NPCI की प्राथमिकता होनी चाहिए।