
ईद-उल-फितर पर मौलाना आक़िल ने की शांतिपूर्ण उत्सव की अपील, ईदगाह व मस्जिदों के अन्दर नमाज अदा करने की गुज़ारिश
शामली। कांधला: रमज़ान का पाक महीना समाप्ति की ओर है, और ईद-उल-फितर की खुशियाँ नज़दीक आते हुए जामिया बदरुल उलूम गढ़ी दौलत के मोहतमिम मौलाना आक़िल साहब ने क्षेत्रवासियों से ईद को भाईचारे, प्रेम और सामाजिक सद्भाव के साथ मनाने का आह्वान किया है। उन्होंने ईद की नमाज सिर्फ ईदगाह में अदा करने तथा सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक आयोजनों से बचने की सलाह दी, ताकि किसी को असुविधा न हो।
गंगा-जमुनी तहज़ीब का संदेश
मौलाना अकील ने कहा कि हमारा क्षेत्र सदियों से गंगा-जमुनी संस्कृति का प्रतीक रहा है, जहाँ हर धर्म के लोग त्योहारों को साझा खुशी के साथ मनाते हैं। ईद सिर्फ इबादत और शुक्राने का ही नहीं, बल्कि मानवता और एकता का पर्व है। उन्होंने हाल में मनाई गई होली का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह होली शांति और सौहार्द से मनाई गई, ईद भी उसी अमन के साथ संपन्न हो।
प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन जरूरी:
मौलाना ने लोगों से प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन्स का पालन करने, विशेष रूप से सड़कों पर नमाज न पढ़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि ईदगाह में पर्याप्त स्थान है। सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ने से ट्रैफिक और आम नागरिकों को परेशानी हो सकती है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि दूसरों की भावनाओं और सुविधा का ध्यान रखें।
आपसी सम्मान और खुशियों का त्योहार
उन्होंने ईद को “प्यार और एकता के जश्न” के रूप में मनाने पर जोर देते हुए कहा कि यह पर्व हमें अपने पड़ोसियों, दोस्तों और समाज के हर वर्ग के साथ रिश्ते मजबूत करने का अवसर देता है। अंत में, उन्होंने अल्लाह से दुआ माँगी कि यह ईद सभी के लिए सुख, शांति और बरकत लेकर आए।
ईद मुबारक: गढ़ी दौलत के नागरिकों ने इस संदेश का स्वागत किया है और सामूहिक रूप से ईद को शांतिपूर्वक मनाने का संकल्प लिया है। प्रशासन ने भी सुरक्षा और व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।