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युवक व युवती के अपहरण व यातना का गंभीर मामला सामने आया

युवक द्वारा जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास: परिवार ने लड़की वालों पर लगाए अपहरण व यातना के आरोप

शामली। कैराना। मोहल्ला खेलकलां, कैराना निवासी खुर्शीद अहमद ने कोतवाली कैराना में एक शिकायती पत्र देते हुए अपने भाई उमर फारुक (22 वर्ष) और उसकी पत्नी तमन्ना के साथ हुए अमानवीय घटनाक्रम का खुलासा किया है। शिकायत के अनुसार, उमर फारुक ने अपनी मामा की बेटी तमन्ना पुत्री अली हसन से निकाह करने के बाद उसे लेकर 21 जनवरी, 2025 को घर छोड़ दिया था। इसके बाद तमन्ना ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दोनों को पेश होने की मांग की थी। हालांकि, 4 फरवरी को निर्धारित सुनवाई के दिन वे कोर्ट में पेश नहीं हो सके, जिसके बाद 28 मार्च को नई तारीख मिली।

खुर्शीद के मुताबिक, 17 या 18 फरवरी की रात को तमन्ना के परिजनों ने दिल्ली के आजादपुर मंडी के निकट शालीमार गांव से उमर और तमन्ना का अपहरण कर लिया। आरोप है कि तमन्ना के रिश्तेदारों ने दोनों को गैर-कानूनी तरीके से कैद कर रखा और उन पर शारीरिक व मानसिक अत्याचार किए। शिकायत में कहा गया है कि उमर को भूखा रखा गया, पीटा गया और सोने नहीं दिया गया। साथ ही, उसे जान से मारने और झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी गई।

उसके बाद 27 फ़रवरी को लड़की वाले ख़ुद ही लड़के को कैराना छोड़ कर फरार हो गए। 27 फरवरी को लड़के को कैराना में छोड़ते समय भी धमकाया गया कि वह चुप रहे वरना अंजाम बुरा होगा। इस घटना के बाद उमर ने 6 मार्च को सुबह करीब 10 बजे जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। परिवार का आरोप है कि उमर पर हुए जुल्मों के पीछे तमन्ना के परिजनों का ही हाथ है।

शिकायत में आरोपियों के नाम शामिल करते हुए तारीक, छोटू, अली हसन, अधिवक्ता आरिफ (प्रेमपुरी, शामली बस स्टैंड), अजहर हसन, सरसाद, नौशाद, आशू-वासू आदि को जिम्मेदार बताया गया है। खुर्शीद ने कोतवाली से मामले में त्वरित एफआईआर दर्ज करके कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस की प्रतिक्रिया

इस संबंध में कोतवाली प्रशासन ने बताया कि शिकायत की जांच की जा रही है और आरोपियों के खिलाफ उचित धाराओं में कार्रवाई की जाएगी। मामला गंभीरता को देखते हुए मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयान भी एकत्र किए जा रहे हैं।

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