
दहेज उत्पीड़न के आरोप में पति सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, न्यायालय के निर्देश पर पुलिस ने शुरू की कार्रवाई
कांधला। शामली। थाना कांधला क्षेत्र के गांव गंगेरू निवासी एक महिला के विरुद्ध दहेज उत्पीड़न और 10 लाख रुपये की अवैध मांग के मामले में न्यायालय के निर्देश पर पुलिस ने उसके पति समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। घटना से जुड़े तथ्यों में पीड़िता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद मामले में गंभीरता दिखाते हुए कैराना न्यायालय ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
पीड़िता का आरोप: दहेज मांग और शारीरिक प्रताड़ना
पीड़िता सोनिया पुत्री शमशाद ने बताया कि उसका विवाह वर्ष 2023 में मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना निवासी फैसल के साथ हुआ था। शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल पक्ष ने दहेज में 10 लाख रुपये की मांग शुरू कर दी। इस मांग को लेकर उसे और उसके परिवार को प्रताड़ित किया जाने लगा। आरोप है कि ससुराल वालों ने न केवल उसके साथ मारपीट की, बल्कि उसे घर से बाहर भी निकाल दिया। इस दौरान सोनिया को अपने मायके में शरण लेनी पड़ी, जहां उसने एक नवजात शिशु को जन्म दिया।
मायके पहुंचे ससुराल पक्ष, फिर हुई हिंसा
पीड़िता के अनुसार, कुछ दिन पहले ससुराल पक्ष के लोग उसके मायके पहुंचे और दहेज की मांग पूरी न होने पर उसे वापस ले जाने से इनकार कर दिया। जब सोनिया ने उन्हें मनाने की कोशिश की, तो आरोपियों ने उस पर हमला करने का प्रयास किया। मामला तब और गंभीर हो गया, जब आरोपियों ने शोर-शराबा करते हुए उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। हालांकि, परिवार के अन्य सदस्यों ने हस्तक्षेप कर उसकी जान बचाई।
न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुआ मामला
घटना के बाद सोनिया ने न्यायालय कैराना में गुहार लगाई। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया। न्यायालय के आदेशानुसार, थाना कांधला पुलिस ने पति फैसल सहित सात लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, मारपीट, आपराधिक धमकी, जान से मारने की धमकी तथा दहेज निषेध अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान करने के बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज की जाएगी। घटना की जांच थाना प्रभारी की निगरानी में चल रही है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि ससुराल पक्ष लगातार उसे प्रताड़ित कर रहा था, लेकिन पुलिस ने पहले कोई कार्रवाई नहीं की। न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही मामले में गति आई है।
यह मामला एक बार फिर समाज में दहेज जैसी कुप्रथा की ओर इशारा करता है। पुलिस ने पीड़िता को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है, साथ ही आरोपियों पर शीघ्र कार्रवाई का वादा किया है।