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मन में देश सेवा की चाहत थी, फिर दोस्त की सलाह पर मुंबई का रुख किया और एक्टिंग करने का फैसला किया. फिल्म में काम मिला तो माता-पिता ने मूवी देखी. फिल्म देखते ही एक्टर के पिता का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने साफ साफ कह दिया- ‘तू मेरे घर से निकल जा.’. इतना ही नहीं रिश्तेदारों ने भी मुंह मोड़ लिया था. कौन था ये एक्टर, जिसको पर्दे पर देखकर ही लोग डर जाते थे. चलिए बताते हैं आपको.
फिल्म के लिए जितना हीरो जरूरी होता है, वैसे ही फिल्म विलेन के बिना पूरी हो जाए, ये मेकर्स के लिए सोचना भी मुश्किल है. फिल्म के लीड एक्टर्स को जितना प्यार मिलता है, उतनी ही विलेन को गालियां. एक विलेन जिसने संजय दत्त के कहने पर अपना असली नाम बदला और अपने नए नाम से पर्दे पर अपने किरदारों से वह लोगों के बीच विलेन बन गए।
ये एक्टर एयरफोर्स में जाकर देश सेवा करना चाहता था, लेकिन दोस्त के कहने उन्होंने एक्टिंग मुंबई का रुख किया और एक्टिंग करने का फैसला किया. माता-पिता ने फिल्म देखी तो साफ साफ कह दिया- ‘तू मेरे घर से निकल जा’. इतना ही नहीं रिश्तेदारों ने भी मुंह मोड लिया था. कौन था ये एक्टर, जिसको देखकर ही पर्दे पर लोग डर जाते थे.
एयरफोर्स ट्रेनिंग से क्यों हुए OUT?
जिस एक्टर की हम बात कर रहे हैं गोपाल बेदी… जिनको लोग आज रंजीत के नाम से जानते हैं. रंजीत एयरफोर्स में नौकरी करना चाहते थे. लेकिन नेशनल डिफेंस अकादमी में ट्रेनिंग लेने के दौरान उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि उनकी जिंदगी ही बदल गई. दरअसल, हुआ यूं कि ट्रेनिंग के दौरान ही उन्हें ट्रेनर की बेटी से प्यार हो गया. किसी भी आम पिता की तरह ट्रेनर को भी ये बात बिल्कुल पसंद नहीं आई और बात इतनी बढ़ गई कि रंजीत को वहां से निकाल दिया गया।
सुनील दत्त की मदद से हुई एंट्री
रंजीत के पास अब कोई काम नहीं था, तो उनके एक दोस्त ने उन्हें फिल्मों में एक्टिंग करने की सलाह दी. रंजीत ने भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए फिल्म इंडस्ट्री में रोल पाने की कोशिशें शुरु कर दीं. रंजीत जब बॉलीवुड में अपनी जड़े जमाने में लगे हुए थे और काम की तलाश में थे तो उनकी मुलाकात एक पार्टी में सुनील दत्त से हुई थी. सुनील दत्त ने उन्हें फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में काम करने का चांस दिया. पहली फिल्म में रंजीत ने भाई का किरदार निभाया था. इस तरह रंजीत ने बॉलीवुड में एंट्री की।
अधूरी रह गई पहली फिल्म
हीरो बनने का सपना लिए मुंबई आए रंजीत को पहली फिल्म ‘जिंदगी की राहें’ ऑफर हुई थीं, लेकिन ये फिल्म कभी बन नहीं पाई. इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘सावन भादो’ से अपने करियर की शुरुआत की. लेकिन फिल्म ‘शर्मीली’ उनके लिए मील का पत्थर साबित हुई. रंजीत खूंखार विलेन बन गए और फैंस भी उनसे रियल लाइफ में डरने लगे थे.
फिल्म देख जब घर में मचा था रोना-धोना
एक इंटरव्यू में खुद रंजीत ने इस बात का खुलासा किया था कि एक बार वो खुशी-खुशी अपने परिवार को अपनी फिल्म दिखाने ले गया था. उन्होंने बताया कि जब मैं घर लौटकर आया तो देखा कि घर में रोना-धोना मचा हुआ था. ये सब फिल्म में मेरा रोल देखने के बाद हुआ था. मां मेरे रोल से काफी नाराज थीं और उन्होंने मुझे कहा,’ यही तुम्हारा काम है. लड़कियों के साथ गलत करते हो. निकल जाओ घर से’. वहीं, रंजीत के पिता ने कहा था, ‘अगर फिल्मों में ही काम करना है तो डॉक्टर या इंजिनियर का रोल करो, ये क्या मेरा नाम खराब कर रहे हो. तुम मेरे घर से निकल जाओ.’ हालांकि, फिर उन्होंने अपने घर वालों को समझाया था कि ये सिर्फ एक्टिंग थी. उन्होंने बताया था कि मुझे परिवार का नाम खराब करने के लिए घर से निकाल दिया और मुझसे पूछा कि मेरे पिता पंजाब में लोगों का सामना कैसे करेंगे।
लोग असल जिंदगी में समझने लगे थे विलेन
रंजीत ने एक बार इस बात का भी खुलासा किया था कि जब भी वो किसी पार्टी में जाते थे तो लोग उन्हें विलेन के रूप में ही देखते थे. उनके रिश्तेदार भी विलेन का रोल निभाने पर उनसे दूर हो गए थे कुछ तो ऐसे भी थे, जिन्होंने अपना रिश्ता ही उनसे खत्म कर लिया था।
असल जिंदगी में शर्मीले स्वभाव के हैं रंजीत
वैसे तो रंजीत ने रील लाइफ में विलेन के रोल करके सभी को खूब डराया है. उनकी छवि रीयल लाइफ में भी कुछ ऐसी ही बन गई थी. हालांकि असल जिंदगी में रंजीत बिल्कुल अलग हैं. वो न ही नॉनवेज खाते हैं और न ही शराब पीते हैं. इसके अलावा उनका स्वभाव भी काफी शर्मीला है।

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