क्या आपके यहां भी है ऐसा हॉस्पिटल,

 

दो ही लोग चला रहे हैं राजकीय यूनानी चिकित्सालय

ग्रामवासी है बहुत परेशान हॉस्पिटल से नहीं मिल रही सुविधाएं

यदि कोई हो जाता है बीमार 12 किलोमीटर दूर जाकर शहर की ओर भागना पड़ता है।

आपने आज तक ऐसा हॉस्पिटल नहीं देखा होगा जहां पर केवल दो ही लोगों का स्टाफ मौजूद हैं और ग्राम वासियों का कहना है वह भी स्टॉप एक डॉक्टर है दूसरा कंपाउंडर और एक चपरासी और हॉस्पिटल को खुले कई कई दिन हो जाते हैं । और पूर्ण रूप से लोगों को सुविधाएं भी नहीं मिल रही है। हॉस्पिटल में कोई भी स्टाफ 24 घंटे की सुविधा के साथ मौजूदा नहीं है। उन लोगों को कहना है। कि यह हॉस्पिटल बहुत ही पुराना है पर यहां पर डॉक्टर आते हैं। हफ्ते में लगभग 1 से 2 बार हाजिरी लगाते हैं और हाथों हाथ ही वापस चले जाते हैं। गाड़ी में बैठ कर आते हैं, और गाड़ी में बैठकर रवाना हो जाते हैं एक कंपाउंडर महोदय है वह हॉस्पिटल की दवाइयां लोगों को घर-घर जाकर पैसा वसूल कर देते हैं ऐसा मामला सूत्रों के हवाले से सामने आया है। आपको बता दें कि पूरा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद बागपत के ग्राम असारा का है। जहां पर यह कालाबाजारी काफी समय से चल रही है और इसी को देखते हुए ग्राम वासियों में भारी रोष है। इसीलिए मीडिया के साथ ही रात को भी पहुंचे और जाकर देखा हॉस्पिटल के गेट पर ताला लटका हुआ है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन अभी भी कुंभकरण की नींद सोता रहेगा यश हॉस्पिटल पर और हॉस्पिटल के स्टॉप पर कार्यवाही करेगा या नहीं बने रहिए हमारे साथ……

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