कैराना, शामली। कैराना तहसील क्षेत्र के 32 गांवों के किसानों को वन विभाग द्वारा जारी बेदखली नोटिस के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) सोमवार को तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन करेगी। संगठन का कहना है कि वन विभाग द्वारा 1955 के पुराने अभिलेखों के आधार पर किसानों की कृषि भूमि को वन भूमि बताते हुए बेदखली की कार्रवाई की जा रही है, जबकि यह जमीन दशकों से किसानों के कब्जे और खेती में है।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश उपाध्यक्ष कपिल खाटीयान ने नगर के मुहल्ला आलकलां स्थित भाकियू नगर अध्यक्ष इनाम चौधरी उर्फ कालू के आवास पर प्रेस वार्ता में कहा कि प्रशासन किसानों को बेवजह परेशान कर रहा है। उन्होंने बताया कि खादर क्षेत्र के किसानों के पास जमीन के सभी वैधानिक राजस्व अभिलेख मौजूद हैं, जिनमें उक्त भूमि को काश्त योग्य के रूप में दर्ज किया गया है। बावजूद इसके, वन विभाग पुराने रिकॉर्ड का हवाला देकर बेदखली के नोटिस भेज रहा है, जिससे हजारों किसान भय और असुरक्षा में हैं।
कपिल खाटीयान ने कहा कि करीब 60 हजार बीघा भूमि पर खेती करने वाले किसान 70 वर्षों से इसी जमीन के सहारे अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक किसानों को राहत नहीं मिलती और वन विभाग अपनी कार्रवाई वापस नहीं लेता, तब तक बीकेयू आंदोलन जारी रखेगी।
उन्होंने बताया कि आगामी सोमवार को तहसील परिसर में संगठन के प्रदेश व जिला पदाधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में किसान एकजुट होकर प्रशासन के विरुद्ध धरना देकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। इस दौरान किसानों की समस्याओं को जिला प्रशासन तक मजबूती से पहुंचाने की रणनीति भी तय की जाएगी।
धरना प्रदर्शन की जानकारी देते हुए संगठन के अन्य पदाधिकारी—युवा मंडल महासचिव मोहित शर्मा, जिला सचिव गुरदीप चौधरी, ब्लाक अध्यक्ष गयूर हसन, मंडल सचिव पुष्कर सैनी, ब्लाक अध्यक्ष इंतजार अली और मिंटू सैनी आदि मौजूद रहे। संगठन ने साफ किया कि किसानों की भूमि से किसी भी कीमत पर उन्हें बेदखल नहीं होने दिया जाएगा।