उत्तर प्रदेश। आगरा के एक सरकारी अस्पताल में उस समय भावनात्मक दृश्य देखने को मिला जब अचानक ऑक्सीजन सप्लाई फेल हो जाने से नवजात बच्चे की सांसें थमने लगीं। मशीनें बंद थीं, सिस्टम फेल हो गया था, लेकिन उस मुश्किल घड़ी में डॉक्टर सुलेखा चौधरी ने जो किया, वह इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल बन गया।
मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, जब तकनीकी खराबी के कारण ऑक्सीजन बंद हो गई, तब डॉ. सुलेखा चौधरी ने बिना एक पल गंवाए नवजात को अपने मुंह से ऑक्सीजन देना शुरू कर दिया। लगभग 7 मिनट तक उन्होंने लगातार बच्चे को साँसें दीं — और अंततः बच्चे की सांसें लौट आईं।
हस्पताल स्टाफ और परिजन इस घटना से भावुक हो उठे। सोशल मीडिया पर किसी यूजर ने यह कहानी साझा की, जो थोड़ी ही देर में वायरल हो गई। लोग डॉक्टर सुलेखा चौधरी की हिम्मत, संवेदना और पेशे के प्रति समर्पण की सराहना कर रहे हैं।
यूजर्स ने लिखा कि ‘‘यह सिर्फ इलाज नहीं, इंसानियत का सबसे ऊँचा इलाज है।’’ आगरा की डॉ. सुलेखा चौधरी अब सिर्फ एक डॉक्टर नहीं रहीं — वे साहस, करुणा और कर्तव्य की जीवित मिसाल बन गई हैं।
