IMG-20251012-WA0018

 

कैराना। पत्नी के उत्पीड़न से आहत होकर यमुना नदी में चार मासूम बच्चों के साथ कूदकर आत्महत्या करने वाले सलमान के बच्चों की तलाश अब दान में मिली मोटरबोट के सहारे जारी है। तहसील प्रशासन की मोटरबोट चार दिनों से खराब पड़ी होने के कारण सर्च अभियान ठप पड़ा था। अब पंजाब के गोताखोर सादिक अंसारी द्वारा दान की गई मोटरबोट से प्राइवेट गोताखोर नदी में फिर से बच्चों की तलाश में जुट गए हैं।

मोहल्ला अफगानान निवासी 38 वर्षीय सलमान ने 3 अक्टूबर को अपने चार बच्चों – बेटी महक (12), शिफा (10), इनाया (2) और पुत्र अयान (7) – के साथ यूपी-हरियाणा सीमा पर स्थित यमुना पुल से छलांग लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त की थी। दो दिन बाद सलमान का शव जिले के बागपत क्षेत्र में टांडा गांव के पास से बरामद हुआ, जबकि बड़ी बेटी महक का शव कांधला इलाके के इस्सोपुर टील के समीप मिला। बाकी तीनों बच्चों का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है।

पुलिस व पीएसी की टीमों ने स्थानीय गोताखोरों संग कई दिनों तक लगातार सर्च अभियान चलाया, मगर सफलता नहीं मिली। इस बीच तहसील प्रशासन की मोटरबोट विगत बुधवार से खराब पड़ी है, जिसकी मरम्मत के लिए प्राइवेट गोताखोरों ने जिलाधिकारी शामली अरविंद चौहान को पत्र भी दिया था, लेकिन चार दिन बाद भी समस्या दूर नहीं हो सकी। नतीजन गुरुवार और शुक्रवार को सर्च अभियान पूरी तरह बंद रहा।

इस दौरान पंजाब के लुधियाना निवासी अनुभवी गोताखोर सादिक अंसारी ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए अपनी मोटरबोट कैराना के गोताखोरों को दान में दे दी। उन्होंने स्वयं कई महत्वपूर्ण सर्च अभियानों में हिस्सा लिया है। शनिवार से गोताखोर साजिद, बिल्लू, काला, जाहिद और दिलशाद ने नई मोटरबोट की मदद से यमुना नदी में बच्चों की तलाश फिर शुरू की। रविवार को भी उन्होंने इस्सोपुर टील क्षेत्र तक सर्च अभियान चलाया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।

पूर्व सभासद मेहरबान अंसारी ने बताया कि प्रशासन की लापरवाही और देरी से जनता में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि जो कार्य प्रशासन को करना चाहिए था, वह अब समाजसेवियों और स्वयंसेवी गोताखोरों को अपने दम पर करना पड़ रहा है। पीड़ित परिवार प्रशासनिक उपेक्षा से गहरा आहत है और अब भी बच्चों की शव बरामदगी की आस लगाए बैठा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!