
तेजी से बढ़ते डिजिटल युग में जहां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोगों को जोड़ने का बड़ा जरिया बन चुके हैं, वहीं ऑनलाइन ठगी करने वाले साइबर अपराधी भी सक्रिय हो चुके हैं। पुलिस और साइबर विशेषज्ञों ने नागरिकों को आगाह किया है कि वे सोशल मीडिया साइट्स पर अंजान लोगों से दोस्ती करते समय सतर्कता बरतें।
विशेषज्ञों के अनुसार, ठग अक्सर मीठे बोल, भावनात्मक कहानियों या मदद के बहाने भरोसा जीतकर लोगों से निजी जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं। कई मामलों में ये स्कैमर्स खुद को जरूरतमंद, एनआरआई या आकर्षक प्रोफाइल के रूप में पेश कर लोगों से बातचीत शुरू करते हैं और कुछ समय बाद किसी आर्थिक मदद या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के नाम पर धोखाधड़ी कर बैठते हैं।
साइबर सुरक्षा विभाग का कहना है कि किसी भी स्थिति में OTP, बैंक डिटेल्स, डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी किसी अंजान व्यक्ति के साथ साझा न करें। ठग इन जानकारियों का दुरुपयोग कर खाते से पैसे निकाल लेते हैं या धोखाधड़ी वाली खरीदारी कर नुकसान पहुंचाते हैं।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया या ऑनलाइन माध्यम से ठगी का शिकार हो जाए, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं या राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज करें।#CyberAwareness