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कैराना। 1 जुलाई: मुहर्रम के पवित्र अवसर पर सोमवार को कैराना नगर में शिया समुदाय के लोगों ने परंपरागत अलम-ए-जुलजनाह (ताज़िया) जुलूस निकाला। यह जुलूस इमामबाड़ा कैराना से शुरू होकर कर्बला डिग्री कॉलेज तक श्रद्धा और अनुशासन के साथ संपन्न हुआ।

जुलूस में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर हज़रत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मातमी नगमों, नौहाख्वानी और सीनाज़नी के बीच “या हुसैन” के नारों से वातावरण गूंज उठा। इस दौरान अज़ादारों ने इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए शोक व्यक्त किया।

महिलाओं की सक्रिय भागीदारी

इस वर्ष की खास बात यह रही कि बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी पर्दे का ध्यान रखते हुए जुलूस में भाग लिया। उन्होंने नौहा पढ़ते हुए और मातम करते हुए अपनी श्रद्धा व्यक्त की।

प्रमुख संगठनकर्ता और सुरक्षा व्यवस्था

जुलूस का नेतृत्व मोहम्मद हुसैन कौसर ज़ैदी, अली हैदर ज़ैदी, शबीह हैदर ज़ैदी, वसी हैदर साक़ी, काशिफ़ रज़ा और जावेद रज़ा जैसे प्रमुख हस्तियों ने किया। पूरे मार्ग पर पुलिस प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवकों ने सुरक्षा सुनिश्चित की। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात किए गए थे।

सामुदायिक सद्भाव का संदेश

इस्लामिक परंपरा के अनुसार निकाले गए इस जुलूस ने एक बार फिर साबित किया कि इमाम हुसैन की कुर्बानी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। हर उम्र और हर वर्ग के लोगों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर धार्मिक एकता और सामुदायिक सद्भाव का उदाहरण पेश किया।

इस तरह, कैराना में मुहर्रम का जुलूस शांतिपूर्ण और भावनात्मक माहौल में संपन्न हुआ।

 

 

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