
कैराना में पालिका मार्किट से गिरकर युवक की संदिग्ध मौत, नशे की लत और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल!
यह घटना न केवल एक युवक की दुखद मौत की कहानी है, बल्कि सिस्टम की विफलता की भी पोल खोलती है!
पालिका मार्किट बना नशेड़ियों का अड्डा, युवक की दर्दनाक मौत ने उजागर की सिस्टम की विफलता!
मेडिकल स्टोरों पर धड़ल्ले से बिक रहे नशे के इंजेक्शन, युवाओं को मौत के मुंह में धकेलने का खेल जारी!
कैराना। शनिवार सुबह कैराना कस्बे में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। मोहल्ला गुम्बद निवासी 26 वर्षीय उस्मान (पुत्र अशरफ) शामली बस स्टैंड के निकट स्थित पालिका मार्किट की दूसरी मंजिल से नीचे गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने बिना किसी कानूनी कार्यवाही के उसके शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया, जिससे पूरे परिवार में मातम छा गया।
सुबह करीब 10:45 बजे उस्मान पालिका मार्किट की दूसरी मंजिल से गिरा, जहां से वह सीधे सड़क पर जा गिरा। मौके पर पहुंचे लोगों ने डायल-112 पर सूचना दी, और पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल (PRV) ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। घायल उस्मान को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव को ले लिया और अंतिम संस्कार कर दिया। मृतक के परिवार में नौ भाई-बहन हैं, जिनमें वह चौथे नंबर का था। उसके पास से इंजेक्शन की खाली सीरिंज मिली, जिससे पता चलता है कि वह नशे का आदी था।

पालिका मार्किट: नशेड़ियों का सुरक्षित ठिकाना!
इस घटना ने एक बार फिर पालिका मार्किट की दुर्दशा को उजागर किया है। तीन मंजिला इस बाजार की पहली मंजिल पर दुकानें चल रही हैं, लेकिन दूसरी और तीसरी मंजिल की अधिकांश दुकानें खाली पड़ी हैं, जो नशेड़ियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन चुकी हैं। यहां नशीले पदार्थों के खाली इंजेक्शन, सीरिंज और अन्य सामान बिखरे पड़े हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार पुलिस को इसकी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मेडिकल स्टोरों पर नशे का खुला कारोबार!
इस घटना ने कैराना के मेडिकल स्टोरों पर प्रतिबंधित नशीले इंजेक्शन और दवाओं की बिक्री को भी उजागर किया है। ड्रग विभाग की निष्क्रियता के कारण यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। स्थानीय युवाओं को आसानी से नशे की दवाएं मिल जाती हैं, जो उन्हें धीरे-धीरे मौत के मुंह में धकेल रही हैं। इस मामले में ड्रग विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है।
प्रशासन और पुलिस की चुप्पी पर सवाल
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मामला दर्ज किया गया है, लेकिन परिजनों ने पोस्टमार्टम नहीं कराया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन नशे के अड्डों पर कार्रवाई करने में नाकाम रहा है। अगर समय रहते इस ओर ध्यान दिया गया होता, तो शायद उस्मान जैसे कई युवाओं की जान बचाई जा सकती थी।
यह घटना न केवल एक युवक की दुखद मौत की कहानी है, बल्कि सिस्टम की विफलता की भी पोल खोलती है। नशे के अवैध कारोबार पर रोक लगाने, पालिका मार्किट जैसी जगहों पर निगरानी बढ़ाने और युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की सख्त जरूरत है। अगर प्रशासन ने अभी भी गंभीरता नहीं दिखाई, तो ऐसी घटनाएं थमने वाली नहीं हैं।