
कैराना में यमुना की गहराई निगल गई तीन जानें: श्यामू का शव बरामद, राकेश-पिंटू की तलाश जारी!
नहाने गए तीन युवकों की त्रासदी: 24 घंटे बाद मिला एक शव, परिवारों में मातम!
यमुना का कहर: पानीपत के तीन युवक डूबे, गोताखोरों की टीम दो की खोज में जुटी!
कैराना (शामली): यमुना नदी में नहाने गए तीन युवकों की डूबने की दर्दनाक घटना ने कैराना को स्तब्ध कर दिया है। गत रविवार (27 अप्रैल) को पानीपत के वार्ड नंबर 12 की वीरनगर कॉलोनी निवासी 24 वर्षीय राकेश, 30 वर्षीय पिंटू और 19 वर्षीय श्यामू अपने मित्रों और परिजनों के साथ यमुना में स्नान करने पहुंचे थे। हादसा तब हुआ जब तीनों युवक हरियाणा की ओर स्थित पुल से दूर नदी के गहरे कुंड में समा गए।
घटनाक्रम
- गत 27 अप्रैल को युवकों के डूबते ही मौके पर मौजूद सूरज, राजेश और अजय ने शोर मचाकर पुलिस को सूचना दी।
- यमुना ब्रिज पुलिस चौकी के अधिकारियों ने तत्काल निजी गोताखोरों को बुलाकर सर्च अभियान शुरू कराया।
- 24 घंटे की मशक्कत के बाद सोमवार (28 अप्रैल) को शाम 4 बजे श्यामू का शव बरामद किया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
- राकेश और पिंटू की तलाश के लिए गोताखोरों की टीम यमुना के विभिन्न हिस्सों में खोज जारी रखे हुए है।
श्यामू की मौत से उसके परिजन सदमे में हैं। वीरनगर कॉलोनी में मातम का माहौल है। राकेश और पिंटू के परिवारों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की गुहार लगाई है। एक रिश्तेदार ने बताया कि वे सिर्फ नहाने गए थे, किसी ने सोचा नहीं था कि यमुना इतनी बेरहम होगी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
पुलिस अधिकारी जितेंद्र कुमार और अपराध निरीक्षक कमल किशोर ने बताया कि सर्च ऑपरेशन में स्थानीय गोताखोरों और तकनीकी सहायता का इस्तेमाल किया जा रहा है।
यमुना के घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं। गत वर्ष भी इसी क्षेत्र में तीन युवकों के डूबने की घटना हुई थी।
स्थानीय लोगों की मांग:
नदी किनारे बैठे कुछ लोगों ने कहा कि गहरे कुंडों को चिह्नित करने और लाइफगार्ड्स की तैनाती जरूरी है। एक शख्स ने कहा कि गर्मियों में यहां हर साल ऐसे हादसे होते हैं, लेकिन प्रशासन सबक नहीं लेता।
पूर्व में हुई घटनाएं:
यमुना नदी में डूबने की घटनाएं इस इलाके में आम हैं। अगस्त 2024 में भी तीन दोस्त नदी में डूब गए थे, जिनमें से दो के शव ही मिल पाए थे। इसी तरह, राजस्थान से आए दो भाइयों सहित तीन युवकों की डूबने से मौत हो चुकी है।
इस घटना ने एक बार फिर नदियों के किनारे सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है। प्रशासन द्वारा तलाश अभियान तेज करने के साथ ही दीर्घकालिक समाधान पर विचार करना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।