
पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में कैराना में हिन्दू-मुस्लिम एकता का ज़ोरदार संदेश: कैंडल मार्च के दौरान ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे!
कैराना में शहीदों को श्रद्धांजलि: हिन्दू-मुस्लिम समुदाय ने एकसाथ निकाला कैंडल मार्च, पुलिस की मौजूदगी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन!
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल: कैराना के बाज़ारों और चौराहों से गुजरा हिन्दू-मुस्लिमों का संयुक्त कैंडल मार्च!
कैराना (शामली)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध और हमले में शहीद हुए भारतीय नागरिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैराना शहर में हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शनिवार को एकजुट होकर कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान शहर के सभी प्रमुख मार्गों, बाज़ारों और नुक्कड़ चौराहों पर एकता और देशभक्ति की अलख जगाने वाले नारे लगाए गए।
शांतिपूर्ण मार्च का नेतृत्व:
पुलिस प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकाले गए इस मार्च में शहर के व्यापारी, समाजसेवी और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने मोमबत्तियों की रोशनी के साथ “पाकिस्तान मुर्दाबाद” और “भारत माता की जय” के नारों से पूरे शहर को गुंजायमान कर दिया। मार्च के दौरान सभी ने आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए देश की अखंडता के लिए एकजुट होने का संकल्प दोहराया।
सामुदायिक सौहार्द की मिसाल:
इस अवसर पर हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। देश की सुरक्षा और शहीदों का सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है। कैराना के एक वरिष्ठ नागरिक ने बताया कि यह मार्च साबित करता है कि हमारी एकता ही देश की ताकत है। यहाँ हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को कोई नहीं तोड़ सकता।
प्रशासन का सहयोग:
पुलिस अधिकारियों ने इस शांतिपूर्ण आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि कैराना के नागरिकों ने सांप्रदायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल पेश की है। प्रशासन हमेशा ऐसे सकारात्मक प्रयासों का समर्थन करता है।
कैराना का यह कैंडल मार्च न केवल पहलगाम हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि थी, बल्कि देशवासियों के लिए यह संदेश भी था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता ही सबसे बड़ा हथियार है। शहर की जनता ने एक बार फिर साबित किया कि हिन्दू-मुस्लिम साथ-साथ, यही है भारत की शान!