
आयुषी चौधरी AIR 290
कांधला की दो बेटियों ने यूपीएससी में मचाई धूम: आस्था जैन ने 186वीं और आयुषी चौधरी ने 290वीं रैंक हासिल की!
आस्था जैन का दूसरा सफल प्रयास: 2024 में 131वीं रैंक के बाद अब आईपीएस में चयन!
किसान परिवार की बेटी आयुषी चौधरी ने बिना कोचिंग यूपीएससी क्लियर कर जिले को बनाया गौरवान्वित!
कांधला (शामली): यूपीएससी की परीक्षा में कांधला क्षेत्र की दो बेटियों ने ऐतिहासिक सफलता हासिल कर अपने परिवार और जिले का मान बढ़ाया है। मोहल्ला सरावज्ञान की आस्था जैन ने 186वीं रैंक प्राप्त कर आईपीएस में चयन सुनिश्चित किया है, जबकि गांव भभीसा की आयुषी चौधरी ने 290वीं रैंक के साथ सिविल सेवा में प्रवेश पाया है। दोनों की सफलता पर पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है।
आस्था जैन: दूसरे प्रयास में फिर रचा इतिहास!
आस्था जैन, जिन्होंने पहले ही 2024 में यूपीएससी में 131वीं रैंक हासिल कर आईपीएस बनने का गौरव प्राप्त किया था, इस बार दूसरे प्रयास में 186वीं रैंक लाकर एक बार फिर साबित किया कि मेहनत और लगन से कोई मुकाम असंभव नहीं। उनके पिता अजय जैन, जो नगर के लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास कन्फेक्शनरी की दुकान चलाते हैं, ने बताया कि आस्था ने शुरुआती पढ़ाई कांधला से की और इंटरमीडिएट शामली के स्कॉटिश स्कूल से पूरा किया। दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और दिल्ली के मुखर्जी नगर में कोचिंग ली। आस्था ने बताया कि “सेल्फ स्टडी और समय प्रबंधन ही सफलता की कुंजी है। मेरा लक्ष्य आईएएस बनना है, और मैं इसके लिए निरंतर प्रयासरत रहूंगी।”
आयुषी चौधरी: किसान परिवार से निकली मिसाल!
वहीं, किसान परिवार में जन्मी आयुषी चौधरी ने बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा पास कर साबित किया कि संसाधनों की कमी सफलता में बाधक नहीं होती। उनके पिता विवेक चौधरी, जो जूनियर हाई स्कूल सुन्ना में शिक्षक हैं, ने बताया कि आयुषी ने प्रारंभिक शिक्षा कांधला के संत गोरखनाथ चिल्ड्रन एकेडमी से प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित में परास्नातक किया। हाल ही में मार्च में उनकी शादी हुई, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी। आयुषी ने कहा कि “मेरे परिवार और पति का समर्थन ही मेरी सफलता का आधार है।”
जिले में खुशी की लहर!
दोनों की सफलता पर कांधला कस्बे में लोगों ने मिठाइयां बांटकर खुशी जताई। आस्था के घर पर उनके पिता अजय जैन और आयुषी के पिता विवेक चौधरी को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। स्थानीय निवासियों ने कहा कि ये सफलताएं न केवल परिवारों के लिए बल्कि पूरे जिले के लिए प्रेरणादायक हैं।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और संघर्ष

आस्था जैन: शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए, यूपीएससी के लिए दिल्ली में कोचिंग।
रणनीति: सेल्फ स्टडी के साथ ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग।

आयुषी चौधरी: शिक्षा: आईआईटी दिल्ली से गणित में एमएससी, बिना कोचिंग के तैयारी।
चुनौती: शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखना।
समाज के लिए संदेश
इन दोनों बेटियों की कहानी न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता बल्कि लैंगिक समानता और सामाजिक बदलाव का भी प्रतीक है। भारतीय कानून के अनुसार, बेटियों को पिता की संपत्ति में समान अधिकार हैं, और ये सफलताएं इस बात को रेखांकित करती हैं कि शिक्षा और अवसर मिलने पर महिलाएं किसी से कम नहीं।