
उत्तर प्रदेश की खाद्य प्रसंस्करण नीति-2023 का हुआ शुभारंभ, महिलाओं को मिलेगी 90% तक की सब्सिडी
सहारनपुर में द्विवसीय मंडलीय खाद्य प्रसंस्करण सेमिनार आयोजित, उद्योगों की संभावनाओं पर हुई चर्चा
जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया सेमिनार का उद्घाटन, यूपी सरकार की नीति को बताया गेम चेंजर
सहारनपुर। 28 मार्च। उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से कंपनी बाग ऑडिटोरियम में दो दिवसीय मंडलीय खाद्य प्रसंस्करण सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मांगे राम चौधरी ने रिबन काटकर सेमिनार का शुभारंभ किया। इस मौके पर चैप्टर चेयरमैन श्री अनूप खन्ना के नेतृत्व में संस्था का प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद रहा। कार्यक्रम का संचालन श्री देशमुख ने किया, जबकि विभागीय अधिकारियों ने नई नीति के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की।
यूपी खाद्य प्रसंस्करण नीति-2023 की खास बातें
डिवीजनल खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी डॉ. एम.पी. सिंह और उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी श्री गमपाल सिंह ने उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के प्रमुख प्रावधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत राज्य में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी, जिसमें महिला उद्यमियों के लिए 90% तक की सहायता रखी गई है। साथ ही, अन्य योजनाओं के माध्यम से निवेशकों को प्रोत्साहित करने का भी प्रावधान है।
संस्था की ओर से सहायता का आश्वासन
राष्ट्रीय सचिव श्री प्रमोद सडाना ने कहा कि सहारनपुर में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उद्यमियों से आह्वान किया कि यदि उन्हें किसी प्रकार की समस्या आती है, तो वे संस्था के कार्यालय से सीधे संपर्क कर सकते हैं। वहीं, चैप्टर चेयरमैन श्री अनूप खन्ना ने यूपी सरकार की इस नीति को “राज्य के आर्थिक विकास की दिशा में एक मजबूत कदम” बताते हुए विभाग से नीति को लेकर और अधिक कार्यशालाएं आयोजित करने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम में शामिल हुए गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारियों, व्यापारियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सेमिनार में नीति के क्रियान्वयन, चुनौतियों और भविष्य की रणनीतियों पर गहन चर्चा हुई। अधिकारियों ने उद्यमियों की शंकाओं का समाधान भी किया और नीति का लाभ उठाने के लिए आवेदन प्रक्रिया समझाई।
यह सेमिनार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों को स्थानीय स्तर पर मजबूती देने का एक प्रयास रहा। महिला उद्यमियों के लिए बड़ी सब्सिडी और नीति के प्रावधानों से क्षेत्र में निवेश बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।