ओपी सिंह वृद्धाश्रम भ्रमण

 

एएसपी ओपी सिंह का वृद्धाश्रम में मध्यरात्रि भ्रमण, बुजुर्गों का हालचाल जान व्यवस्थाओं का लिया जायज़ा 

एएसपी ने वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के साथ बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना, बुजुर्गों को अपने हाथों से खाना वितरित किया।

ओपी सिंह के इस मानवीय रूप को देखकर वृद्धों के आंखों में अप्रतिम स्नेह उमड़ पड़ा, उनके द्वारा ओपी सिंह को आशीर्वाद दिया गया।

 

बस्ती। जनपद के तेज़ तर्रार एएसपी नायक ओमप्रकाश सिंह ने मंगलवार मध्यरात्रि बनकटा स्थित वृद्धाश्रम का अचानक भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने वहां रह रहे बुजुर्गों से रूबरू बातचीत की, उनकी समस्याएं सुनीं और आवास व सुविधाओं का निरीक्षण किया। एएसपी के इस सहज व स्नेहिल व्यवहार से वृद्धों के आंखों में स्नेह के आंसू छलक आए।

बुजुर्गों से की बेहतर हालचाल की चर्चा

ओपी सिंह ने वृद्धाश्रम पहुंचकर सबसे पहले बुजुर्गों के स्वास्थ्य और दैनिक जीवन की जानकारी ली। उन्होंने हर व्यक्ति से व्यक्तिगत तौर पर संवाद किया और उनकी जरूरतों को समझने का प्रयास किया। वृद्धाश्रम के संचालन से जुड़े कर्मचारियों व प्रबंधन के साथ बैठक कर उन्होंने बुजुर्गों के लिए बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

भोजन से लेकर आवास तक की जांच

एएसपी ने वृद्धाश्रम में मौजूद भोजन की गुणवत्ता, कमरों की साफ-सफाई, बिस्तर, स्वच्छ पानी व स्वास्थ्य सुविधाओं का बारीकी से जायज़ा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बुजुर्गों के लिए पौष्टिक आहार की व्यवस्था प्राथमिकता से हो और उनके आराम के लिए हर संसाधन उपलब्ध कराया जाए। साथ ही, मनोरंजन व सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।

बुजुर्गों का आशीर्वाद, कहा- “पुलिस को ऐसे ही जनसेवक देखने की चाहत”

एएसपी के इस अपनत्व भरे व्यवहार से वृद्धाश्रम के निवासी भावुक हो गए। कई बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा कि हमें खुशी है कि पुलिस अधिकारी हमारी परवाह करते हैं। ऐसे जनसेवक ही समाज में बदलाव ला सकते हैं। बुजुर्गों ने कहा कि इतनी रात गए कोई अधिकारी हमारी सुध लेने आए, यह हमारे लिए सपने जैसा है।

“सेवा भाव ही पुलिस का धर्म” : ओपी सिंह

इस मौके पर एएसपी ओपी सिंह ने कहा कि पुलिस का दायित्व केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की सेवा करना भी है। उन्होंने वृद्धाश्रम के प्रबंधन को यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कोई भी बुजुर्ग अपनेपन की कमी महसूस न करे।

इस घटनाक्रम ने पुलिस और आमजन के बीच संवेदनशीलता का एक नया अध्याय जोड़ा है। ओपी सिंह का यह कदम न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी का उदाहरण है, बल्कि मानवीय संबंधों की महत्ता को भी रेखांकित करता है।

 

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