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कैराना में शांति एवं सद्भाव को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित, होली और जुमा के संवेदनशील मौके पर सामुदायिक एकता का आह्वान

 

कैराना। आगामी होली और जुमा नमाज़ के संवेदनशील संयोग को देखते हुए कैराना प्रशासन एवं पुलिस ने शहर में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। कैराना के किलागेट चौकी में आयोजित इस शांति बैठक में सीओ जितेंद्र कुमार और कैराना कोतवाली प्रभारी बिजेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में नगर के गणमान्य नागरिकों, धर्म-गुरुओं तथा पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों त्योहारों को शांतिपूर्वक मनाने के लिए सामुदायिक सहमति बनाना था।

संवेदनशीलता के मद्देननज़र सामूहिक प्रयास

बैठक में चर्चा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष होली का त्योहार और जुमा ( विशेष रूप से रमज़ान का जुमा) का दिन एक ही तारीख़ को पड़ रहा है, जिसके कारण प्रशासन ने इसे संवेदनशील मामला मानते हुए पूर्व तैयारी शुरू कर दी है। सीओ जितेंद्र कुमार ने कैराना की ऐतिहासिक “गंगी-जमुनी तहज़ीब” की सराहना करते हुए कहा कि “यह शहर सदैव विविधताओं में एकता का प्रतीक रहा है। 2013 के दौरान भी जब प्रदेश के कई हिस्सों में तनाव था, यहाँ के निवासियों ने आपसी भाईचारे को बनाए रखा। हमें विश्वास है कि इस बार भी लोग त्योहारों की खुशियाँ मनाते हुए शांति का संदेश देंगे।”

धार्मिक नेताओं ने की साझा अपील

बैठक में मौजूद हिंदू और मुस्लिम धार्मिक गुरुओं ने भी शांति बनाए रखने की साझा अपील की। उन्होंने समुदायों के बीच संवाद बढ़ाने और किसी भी प्रकार की अफ़वाहों से सतर्क रहने पर ज़ोर दिया। थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह रावत ने कहा कि “पुलिस प्रशासन सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम करेगा, लेकिन शहर की शांति नागरिकों की सजगता पर भी निर्भर है। हम सभी को संयम और समझदारी से काम लेना होगा।”

2013 के दंगों से सबक़, आगे की राह

सीओ जितेंद्र कुमार ने कैराना के लोगों की उस सामूहिक प्रतिबद्धता की सराहना की, जिसके तहत 2013 के साम्प्रदायिक तनाव के दौरान भी शहर ने हिंसा को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। सीओ जितेंद्र कुमार ने कहा कि “यहाँ के निवासियों ने उस समय यह साबित किया था कि संकट के दौरान एकजुटता ही सबसे बड़ी ताक़त होती है। हमें इसी भावना को आगे बढ़ाना है।”

नागरिकों ने जताया समर्थन और प्रशासन के प्रयासों का किया स्वागत 

बैठक में शामिल नागरिकों ने प्रशासन के प्रयासों का स्वागत करते हुए शांति बनाए रखने का संकल्प लिया। बैठक में शामिल लोगों का मानना था कि “धर्म चाहे कोई भी हो, त्योहार सभी की खुशियाँ बाँटने का मौका होते हैं। हमें किसी भी प्रकार के उन्माद से बचना चाहिए।”

कैराना प्रशासन और समुदाय के बीच यह बैठक साझा विश्वास और सामाजिक व धार्मिक सद्भाव का उदाहरण बनी। होली और जुमा के इस संयोग को शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कैराना एक बार फिर शांति और उल्लास का मिसाल क़ायम करे।

 

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