
माधुरी दीक्षित ने ज़िंदगी और करियर पर साझा किए अनकहे विचार, कहा- “शादी के बाद जीना शुरू की असली ज़िंदगी”
जयपुर। हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने जयपुर में आयोजित 25वें आईफा अवॉर्ड्स के एक कार्यक्रम में अपने जीवन और करियर के अनछुए पहलुओं पर खुलकर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शादी के बाद पति और बच्चों के साथ बिताया गया समय उनके लिए “सपनों जैसा” है, साथ ही फिल्मों में वापसी को अपने जुनून से जोड़कर देखती हैं।
“शादी के बाद मिली ज़िंदगी की असली खुशियाँ”
कार्यक्रम में माधुरी ने बताया कि शादी से पहले मैं लगातार तीन-तीन शिफ्ट में काम करती थी। लेकिन शादी के बाद परिवार के साथ जो पल बिताए, वही मेरी असली ज़िंदगी है। यह समय मेरे लिए सपने सच होने जैसा है। हालाँकि, फिल्में मेरा पहला प्यार हैं, इसलिए मैं वापस आई।
महिलाओं के बदलते रोल पर ज़ोर
“सिनेमा में महिलाओं का सफर” विषय पर बात करते हुए माधुरी ने सेट पर महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को सराहा। उन्होंने कहा कि पहले सेट पर सिर्फ मैं, मेरी असिस्टेंट और एक-दो महिलाएँ ही होती थीं। आज देखती हूँ तो हर विभाग में महिलाएँ सक्रिय हैं। यह बदलाव सुखद है। इस मौके पर ऑस्कर विजेता निर्माता गुनीत मोंगा भी मौजूद रहीं।
“एक-दो-तीन” पर झूमीं माधुरी
कार्यक्रम का रोमांचक पल तब आया जब माधुरी ने अपने मशहूर गाने “एक-दो-तीन” पर धमाकेदार डांस किया। उनके इस प्रदर्शन ने दर्शकों को नॉस्टैल्जिक कर दिया।
संतुलन है ज़िंदगी की कुंजी
अपने संघर्ष और सफलता के राज बताते हुए उन्होंने कहा, कि जीवन में संतुलन ज़रूरी है। मैंने परिवार और करियर के बीच यही संतुलन बनाया है। उनकी यह बात युवाओं के लिए प्रेरणादायक साबित हुई।
माधुरी की इस मुलाकात ने न सिर्फ उनके प्रशंसकों, बल्कि उद्योग के नए कलाकारों को भी उनके अनुभवों से सीख लेने का मौका दिया। 90 के दशक से लेकर आज तक, माधुरी का सफर महिलाओं के लिए मिसाल बना हुआ है।