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झाड़खेड़ी में सड़क पर पलटा गन्ने से भरा ओवरलोड ट्रक

कुम्भकर्णी नींद में सोया है परिवहन विभाग, बड़े हादसे को अंजाम दे सकते है गन्ने के ओवरलोड ट्रक, 

ग्रामीणों का आरोप, परिवहन विभाग की शह पर सड़कों पर दौड़ रहे गन्ने के ओवरलोड वाहन

कैराना। गांव झाड़खेड़ी में गन्ने से भरा ओवरलोड ट्रक सड़क पर पलट गया। गनीमत रही कि हादसे के वक्त कोई राहगीर ट्रक की चपेट में नही आया। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने परिवहन विभाग पर मिलीभगत व लापरवाही का आरोप लगाया है।

शनिवार दोपहर करीब तीन बजे गन्ने से भरा एक ओवरलोड ट्रक गांव झाड़खेड़ी के मुख्यमार्ग पर स्थित तालाब के निकट पलट गया। ट्रक गांव तीतरवाड़ा में स्थित क्रय केंद्र से गन्ना भरकर ऊन शुगर मिल के लिए जा रहा था। गनीमत रही कि हादसे के वक्त वहां से गुजर रहा कोई राहगीर ट्रक की चपेट में नही आया। ट्रक के पलटते ही भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए। उन्होंने ट्रक चालक को ओवरलोड गन्ना भरने को लेकर खूब खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों ने परिवहन विभाग की शह पर गन्ने के ओवरलोड ट्रकों के संचालन का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ओवरलोड गन्ने से भरे ट्रक रोजाना गांव स्व होकर गुजरते है, जिसके चलते हादसे की प्रबल आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा कि गन्ने के ओवरलोड ट्रक पूर्व में भी क्षेत्र के कई जगहों पर निर्दोष लोगों की जान ले चुके है। ग्रामीणों ने गन्ने के ओवरलोड ट्रकों पर अंकुश न लगने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं, एसडीएम स्वप्निल कुमार यादव का कहना है कि कोतवाली पुलिस को ओवरलोड वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए गए है।

एक सप्ताह पूर्व बाईपास पर भी पलट गया था गन्ने का ओवरलोड ट्रक

 

विगत 02 फरवरी को गन्ने से भरा एक ओवरलोड ट्रक कस्बे के बाईपास से होता हुआ शामली जा रहा था। ट्रक जैसे ही नेशनल हाइवे-709 एड़ी पर स्थित पानीपत बाईपास पर पहुंचा, तभी चालक नियंत्रण खो बैठा और ट्रक असंतुलित होकर सड़क पर पलट गया। उस वक्त भी हादसे के वक्त सड़क से गुजर रहा कोई राहगीर अथवा वाहन ट्रक की चपेट में नही आया था। हालांकि सड़क पर गन्ने बिखरने से मार्ग पर घण्टाभर जाम लगा रहा था। बाद में गन्ने के ट्रक को सीधा कराकर मार्ग पर आवागमन सुचारू कराया गया था।

 

अवधि पूर्ण होने के बावजूद एनसीआर में दौड़ रहे डीजल वाहन

 

उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगाए जाने हेतु डीजल व पेट्रोल के वाहनों के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में संचालन के लिए क्रमशः 10 व 15 वर्ष का समय निर्धारित किया गया है। परन्तु, परिवहन विभाग की निष्क्रियता के चलते निर्धारित अवधि पूर्ण होने के बावजूद डीजल व पेट्रोल के सैंकड़ों-हजारों वाहन बेखौफ होकर एनसीआर में दौड़ रहे है। ऐसे वाहन न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे है, बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे है। ये वाहन अनफिट होने के चलते सड़कों पर चलते वक्त दूसरे वाहनों के लिए भी हादसों का सबब बनते है। बड़ी संख्या में मालवाहक डीजल वाहन नियम विरुद्ध क्षेत्र की सड़कों पर धडल्ले से दौड़ रहे है। परिवहन विभाग की चुप्पी इन वाहन संचालकों के हौंसले को बढ़ा रही है।

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