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अभिनेत्री शर्मिला टैगोर गुजरे दौर की मशूहर अदाकारा हैं। फिल्म में ट्रेजिडी क्वीन बनने से लेकर बोल्ड बाला तक उन्होंने हर वैरायटी के किरदार निभाए। फिल्म के अलावा शर्मिला टैगोर कई बार अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चाओं में आईं।
शर्मिला टैगोर बीते दौर की ऐसी अभिनेत्री हैं जिनकी गिनती बोल्ड अदाकाराओं में होती हैं। हिंदी सिनेमा की वे पहली एक्ट्रेस कही जाती हैं जिसने कैमरे पर बिकिनी पहनने की हिम्मत दिखाई। शर्मिला ने सत्यजीत रे की फिल्म ‘अपुर संसार’ से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने बॉलीवुड में कई सुपरहिट फिल्में भी दी और लगभग हर सुपरस्टार के साथ काम किया। फिल्मों में योगदान देने के अलावा वह सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। एक्ट्रेस की फिल्मोग्राफी जितनी शानदार है उतनी ही चर्चित उनकी पर्सनल लाइफ भी रही है।
फिल्मों के अलावा शर्मिला टैगोर अपने अफेयर और शादी को लेकर काफी सुर्खियों में रही थीं। शर्मिला टैगोर का रिलेशनशिप भारतीय क्रिकेटर नवाब मंसूर अली खान पटौदी के साथ था। दोनों ने एक-दूसरे को कई सालों तक डेट किया और फिर शाही अंदाज में शादी भी कर ली, लेकिन जितनी सुनने में इनकी लव स्टोरी सिंपल लगती है उतनी है नहीं। शर्मिला से मिलने से पहले नवाब मंसूर पहले से एक रिश्ते में थे।
मीडियो रिपोर्ट्स की माने तो नवाब मंसूर अली खान पटौदी अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल को डेट कर रहे थे। एक तरफ नवाब मंसूर का क्रिकेट करियर अपने उफान पर था तो दूसरी तरफ वे सिमी ग्रेवाल के साथ एक मजबूत रिश्ते की ओर बढ़ रहे थे। दोनों के अफेयर के चर्चें सिर्फ बॉलीवुड में ही नहीं क्रिकेट जगत में भी हो रहे थे। सिमी और मंसूर अक्सर पब्लिक इवेंट्स में, कभी साथ में घूमते तो कभी साथ में पार्टी करते देखे जाते थे। रिपोर्ट्स की माने तो नवाब मंसूर, सिमी को लेकर सीरियस थे और शादी भी करना चाहते थे। यहां तक कि वे अपने परिवार से सिमी को मिलाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन इनकी कहानी ने तब नया मोड़ ले लिया जब मंसूर अली खान की मुलाकात शर्मिला टैगोर से हुई।
शर्मिला टैगार और मंसूर अली खान एक पार्टी में मिले थे। खबरों के अनुसार दोनों की मुलाकात इनके दोस्तों ने कराई थी और पहली नजर में ही दोनों एक-दूसरे को पसंद कर लिया था, लेकिन शर्मिला ने हां कहने में पूरे चार साल का वक्त लगा दिया। रिपोर्टे्स की माने को शर्मिला के आने के बाद नवाब पटौदी ने सिमी संग अपना रिश्ता खत्म करने का फैसला किया और एक दिन वे उनके घर पहुंच गए। बिना समय गवाए उन्होंने सिमी से कहा कि अब वे इस रिश्ते को और आगे नहीं ले जा पाएंगे क्योंकि उन्हें कोई और मिल गया है। मंसूर की बातें सुनकर सिमी ने कुछ नहीं कहा मानो उन्हें पहले से ही इस बात की भनक थी, लेकिन फिर भी वे अपने प्यार को एलिवेटर तक छोड़ने गईं। मंसूर ने उन्हें मना भी किया, लेकिन वे नहीं मानी। जब वे घर से बाहर निकली तो देखा कि वहां शर्मिला टैगोर खड़ी थीं, दोनों ने एक-दूसरे को देखा, लेकिन कुछ कहा नहीं।
शादी के बीच आई ये शर्त
शर्मिला बॉलीवुड की सुपरस्टार थीं तो नवाब मंसूर क्रिकेटर होने के अलावा नवाब खानदान के चश्मो चिराग थे। शर्मिला और मंसूर तो शादी के लिए तैयार थे, लेकिन इनका अलग धर्म इनके परिवार वालों को खटक रहा था। नवाब खानदान की बहू बनाने के लिए मंसूर की मां साजिदा सुल्तान ने शर्मिला टैगोर के सामने शर्त रखी थी कि अगर वे इस्लाम धर्म कुबूल कर ले तो ही वे उन्हें अपनी बहू बनाएंगी। मंसूर अली खान के प्यार में पागल शर्मिला ने तुरंत ये शर्त मान ली और अपना धर्म बदलकर शार्मिला टैगोर से आयशा सुल्तान हो गईं। फिर 27 दिसंबर सन 1968 को मंसूर अली खान और शर्मिला शादी कर हमेशा के लिए एक-दूसरे के हो गए।
शर्मिला टैगोर के फिल्मों की बात करें तो उनके खाते में ‘कश्मीर की कली’, ‘वक्त’, ‘आमने-सामने’, ‘अमर प्रेम’, ‘छोटी बहू, ‘आविष्कार’, आराधना’, ‘त्याग’ और ‘सफर’ जैसी तमाम यादगार फिल्में हैं। हिंदी सिनेमा में अहम योगदान देने के लिए उन्हें दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दो बार फिल्मफेयर पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।

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