
अली की मोहब्बत होना रब की रहमत होना है : मौलाना
कैराना। नगर की बड़ी इमामबारगाह में शिया समुदाय के दर्जनों लोगों ने शामिल होकर मजलिस का आयोजन किया। इस दौरान सभी ने मौलाना की बातों पर अमल किया गया।
बुधवार को नगर मे सोज ख्वानी शुएब अली के द्वारा व मर्सिया ख्वानी वसी हैदर साकी के द्वारा की गई। मजलिस को खिताब फरमाते हुए मौलाना के द्वारा विलायत ए इमाम ए अली के बारे में बताया गया उन्होंने कहा के अली की मोहब्बत होना रब की रहमत होना है। इमाम ए अली ने अपनी हुकूमत के 4 साल में किसी को भूखा नही सोने दिया और एक नाबीना इंसान को बिना बताए उसकी खिदमत और मदद करते रहे। जब वो नाबिना (ब्लाइंड) उनसे पूछता थे के आप कोन हैं तो मौला अली कहते थे एक गरीब इंसान एक गरीब इंसान के पास बैठा है। इमाम ए अली सच्चाई ईमानदारी और सदाकत का मरकज हैं मजलिस में हाजी शाहिद हुसैन हाजी जाफर अब्बास काजिम, हुसैन सरवर, हुसैन रजी हैदर, आलमदार हुसैन शारिब हुसैन, इंतजार हुसैन, अब्बास अली छोटा, काजिम रजा, शबी हैदर, मेहरबान अली, रजा अली खान के अलावा काफी लोग मौजूद रहें।