कैराना (शामली)। क्षेत्र में वायु प्रदूषण की गंभीरता बढ़ने और भूमि की उर्वरता बनाए रखने के उद्देश्य से खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) कैराना बृजेश गुप्ता ने सोमवार को खेतों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने किसानों को खेतों में फसल अवशेष, पत्तियां या पराली जलाने से सख्ती से परहेज करने की चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बीडीओ बृजेश गुप्ता ने खेतों पर काम कर रहे किसानों से बातचीत में बताया कि पराली या फसल अवशेषों को जलाने से भूमि की उर्वरता प्रभावित होती है। इससे मिट्टी में कार्बन की मात्रा घटती है और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे उत्पादन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, धुएं के कारण वायु प्रदूषण बढ़ता है, जिससे अस्थमा और अन्य श्वास संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
उन्होंने किसानों को पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों की जानकारी दी। बीडीओ ने कहा कि फसल अवशेषों से कम्पोस्ट खाद तैयार की जा सकती है, इन्हें पशु चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और मल्चिंग या आधुनिक कृषि यंत्र जैसे हैप्पी सीडर और रोटावेटर के माध्यम से सीधे मिट्टी में मिलाया जा सकता है। इन उपायों से मिट्टी की सेहत सुधरेगी, उत्पादन लागत घटेगी और उपज में बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने ग्राम पंचायतों से भी अपील की कि वे किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करें और गांवों में स्वच्छता बनाए रखें। ग्रामीणों से कहा गया है कि खेतों या आसपास कूड़ा और सूखी पत्तियां जलाने से पूरी तरह बचें ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे।
इस मौके पर एडीओ पंचायत राहुल पंवार सहित विभागीय अधिकारी व ग्राम पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे।