बंदरों के झुंड ने घरों और गलियों में मचाया तांडव, महिलाएं और बच्चे छतों पर जाने से डरे

 

सादिक सिद्दीक़ी

 

कांधला कस्बे में बंदरों का बढ़ता झुंड अब शहरवासियों के लिए सच्चे संकट का रूप ले चुका है। मोहल्लों, गलियों और बाजारों में यह झुंड लगातार हमला कर रहा है। बंदर घरों में घुसकर सामान तोड़फोड़ कर रहे हैं, दुकानों में बवाल मचा रहे हैं और लोगों को डराने में लगे हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि विशेषकर महिलाएं और बच्चे अब अपनी घर की छतों पर जाने से भी डर रहे हैं, क्योंकि बंदर अचानक हमला कर देते हैं। घरों और गलियों में मंडराता यह झुंड लोगों के जीवन को असुरक्षित और भयपूर्ण बना रहा है।”हमारे बच्चे और महिलाएं घर की छतों पर जाने से डर रहे हैं। सुबह से शाम तक बंदरों का आतंक हमारी जिंदगी प्रभावित कर रहा है। अब हम खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं,” एक स्थानीय निवासी ने बताया। विशेषज्ञों का कहना है कि बंदरों के इस झुंड को नियंत्रित करने के लिए उनके प्राकृतिक आवास और भोजन की उपलब्धता को सीमित करना जरूरी है। इससे उन्हें कस्बे से दूर रखा जा सकेगा और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।कस्बे के लोग अब नगरपालिका के विशेष अभियान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ताकि उनका जीवन फिर से पहले जैसा सुरक्षित और शांतिपूर्ण हो सके।

नगरपालिका अध्यक्ष हाजी नजमूल इस्लाम का कहना है की , “हम इस गंभीर समस्या को पूरी गंभीरता से देख रहे हैं। नगर पालिका की ओर से जल्द ही विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के माध्यम से बंदरों के इस बड़े झुंड को नियंत्रित कर कही बाहर भेजा जाएगा

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