
युद्ध में कूटनीतिक तैयारी की कमी ने पाकिस्तान को दिया मनोबल बढ़ाने का मौका: श्याम मीरा सिंह!
एयर स्ट्राइक से लेकर सीजफ़ायर तक… श्याम मीरा सिंह ने उठाए भारत की सैन्य रणनीति पर सवाल!
गुट निरपेक्ष नीति छोड़कर मजबूत कूटनीति की मांग, युवा पत्रकार ने कहा- ‘युद्ध तभी लड़ें जब पूरी तैयारी हो!
नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने भारत की हालिया सैन्य और कूटनीतिक रणनीति पर गंभीर सवाल उठाते हुए एक ट्वीट थ्रेड में कई चौंकाने वाले बयान दिए। उन्होंने कहा कि भारत ने बिना पर्याप्त तैयारी के युद्ध छेड़ दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को नुकसान पहुँचा और पाकिस्तान का मनोबल बढ़ गया।
कूटनीतिक तैयारी की कमी और अंतरराष्ट्रीय अलगाव!
श्याम मीरा सिंह के अनुसार, पिछले एक दशक में भारत ने कूटनीतिक संबंधों को नज़रअंदाज करते हुए अपने मित्र देशों को खो दिया है। उन्होंने कहा कि “हम बिना डिप्लोमेटिक तैयारी के युद्ध में कूदे। चीन और तुर्की जैसे दुश्मनों के सामने हमारा कोई समर्थन नहीं था”। उन्होंने यह भी जोड़ा कि गुट निरपेक्ष नीति को छोड़कर मजबूत सैन्य-कूटनीतिक गठजोड़ बनाने की जरूरत है।
मीडिया प्रबंधन और एयर स्ट्राइक पर सवाल!
श्याम ने आरोप लगाया कि सरकार ने मीडिया को मैनेज करने के लिए पहले दिन हमला किया, लेकिन बाद में रक्षात्मक रुख अपना लिया। उन्होंने “छुटमुट फोटो कार्रवाइयों” जैसे एयर स्ट्राइक को महज हेडलाइन बनाने का जरिया बताया और कहा कि युद्ध कभी एक दिवसीय नहीं होता। उनके मुताबिक, “अगर सीजफ़ायर करना ही था, तो ऐसे हमले बेमानी हैं”।
सीजफ़ायर का निर्णय और पाकिस्तान का मनोबल!
श्याम ने बताया कि भारत द्वारा एक हफ्ते के भीतर सीजफ़ायर के लिए तैयार होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि धूमिल हुई है। पाकिस्तान इस घटना को अपनी जीत के रूप में पेश कर रहा है, जबकि भारतीय नागरिकों पर हुए हमलों का मुंहतोड़ जवाब नहीं दिया गया।
भविष्य के लिए सुझाव: युद्ध की तैयारी और रणनीति!
श्याम मीरा सिंह ने सरकार को सलाह दी कि युद्ध का फैसला महीनों की तैयारी के बाद लिया जाना चाहिए, न कि जनदबाव में। उन्होंने कहा कि “युद्ध तभी लड़ें जब डिप्लोमेटिक और मिलिट्री तैयारी पूरी हो। पाकिस्तान को लाहौर-कराची तक ठोक दें और POK व बलूचिस्तान की आजादी तक लड़ें”।
विपक्ष और राष्ट्रीय एकता पर टिप्पणी!
उन्होंने विपक्ष की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि मुस्लिम नेताओं ने पाकिस्तान को सीधी चुनौती दी, जो देश की आंतरिक मजबूती को दर्शाता है। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि फोटो-केंद्रित रणनीति के बजाय ठोस कार्यवाही पर ध्यान दें।
श्याम मीरा सिंह की ये टिप्पणियाँ भारत की सैन्य-कूटनीतिक नीतियों पर गहन विमर्श को जन्म देती हैं। उनका मानना है कि देश को अब गुट निरपेक्षता छोड़कर स्पष्ट रणनीति बनानी चाहिए और युद्ध के बजाय शक्तिशाली कूटनीति पर जोर देना चाहिए।