
36 बिरादरी की महापंचायत का ऐलान: 15 मई को एसपी कार्यालय पर धरना, विजय कश्यप हत्याकांड में न्याय की मांग!
शामली विधायक प्रसन्न चौधरी और एमएलसी किरण पाल ने मृतक के परिजनों को दिया कार्रवाई का आश्वासन!
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मामला, कश्यप समाज और 36 बिरादरी ने उठाया इंसाफ का मुद्दा!
शामली। 11 मई। कांधला कस्बे के मोहल्ला शेखजादगान निवासी 22 वर्षीय विजय कश्यप की हत्या का मामला राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल का केंद्र बन गया है। घटना को लेकर न केवल परिजन, बल्कि जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन भी आक्रोशित हैं। शुक्रवार को मृतक के आवास पर शामली विधायक प्रसन्न चौधरी और एमएलसी किरण पाल कश्यप ने परिजनों से मुलाकात कर न्याय दिलाने का भरोसा दिया, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता के चलते अब 36 बिरादरी की महापंचायत की तैयारी शुरू हो गई है।
महापंचायत और धरने की चेतावनी!
परिजनों का आरोप है कि घटना के बाद शामली और हरियाणा पुलिस ने संज्ञान लेने तक की कोशिश नहीं की। इसके विरोध में 15 मई को कश्यप समाज और 36 बिरादरी के हज़ारों लोग एसपी कार्यालय पर महापंचायत कर धरना देंगे। सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिनों के भीतर हत्या का मामला दर्ज नहीं किया गया, तो प्रदर्शनों का दायरा बढ़ेगा।
विधायक और एमएलसी का परिजनों से संवाद!
विधायक प्रसन्न चौधरी ने मृतक के भाई अजय से घटना की जानकारी ली, जिसमें उसने बताया कि हरियाणा पुलिस ने विजय को “छेड़छाड़” के झूठे आरोप में पीट-पीटकर मार डाला। चौधरी ने उच्च स्तर पर जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया। इसी कड़ी में एमएलसी किरण पाल ने महिला सुरक्षा और पुलिस जवाबदेही पर सवाल उठाए।
घटना की पृष्ठभूमि
विजय कश्यप रविवार की रात अपने भाई अजय के साथ हरियाणा के पानीपत से घर लौट रहा था। टोल प्लाजा पर पुलिस ने दोनों को रोककर एक युवती से छेड़छाड़ का आरोप लगाया और बेरहमी से पीटा। अजय भाग निकला, लेकिन विजय की शव यमुना नदी के किनारे मिला। परिजनों का दावा है कि पुलिस ने 15 हज़ार रुपये भी लूट लिए और सीसीटीवी फुटेज छिपाया।
सोशल मीडिया और सामाजिक संगठनों का दबाव!
मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कश्यप क्रांति मिशन, कश्यप महासभा, और सर्व समाज सेवा जन समिति जैसे संगठनों ने परिवार का समर्थन किया। संगठनों ने पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर न्याय नहीं मिला, तो आंदोलन राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचेगा।
परिजनों की पीड़ा और भविष्य की योजनाएं
विजय के पिता अजब सिंह ने बताया कि उनका बेटा दो दिन बाद रूस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने वाला था। परिवार की आर्थिक मेहनत और सपने पुलिस की कार्रवाई से चकनाचूर हो गए 4। अब वे सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, जिसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है।
पुलिस का रुख इस मामले को लेकर
शामली पुलिस ने अभी तक हत्या का केस दर्ज नहीं किया है, जबकि हरियाणा पुलिस ने डीएसपी स्तर की जांच शुरू की है। हालांकि, परिजनों को डर है कि दोनों राज्यों की पुलिस “सीमा विवाद” के बहाने मामले को ठंडे बस्ते में डाल सकती है।
विजय कश्यप हत्याकांड अब केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और पुलिस सुधार की लड़ाई बन चुका है। 15 मई की महापंचायत इस संघर्ष का अगला चरण होगी, जहां न्याय की मांग को जनआंदोलन का रूप मिल सकता है।