
कैराना में टीबी मरीजों को मिली पोषण किट: संजीवनी हॉस्पिटल और स्वास्थ्य विभाग ने की पहल!
चना, दाल से लेकर प्रोटीन पाउडर तक: टीबी उपचार के दौरान पोषण को बनाया गया मजबूत आधार!
2025 तक देश से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य: स्वास्थ्य अधिकारियों ने समाज से मांगा सहयोग!
कैराना, 25 अप्रैल। कस्बे के संजीवनी हॉस्पिटल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओर से शुक्रवार को टीबी (क्षय रोग) के पांच मरीजों को न्यूट्रिशन किट वितरित की गई। यह पहल ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक अतुल गर्ग के अनुरोध पर संजीवनी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. सपन गर्ग द्वारा की गई। इस दौरान सीनियर ट्रीटमेंट लैब सुपरवाइजर जरीफ अहमद भी मौजूद रहे।
क्यों ज़रूरी है पोषण किट?
अतुल गर्ग ने बताया कि टीबी मरीजों के उपचार के दौरान पोषण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किट में चना, दाल, मूंगफली, गुड़ और प्रोटीन पाउडर जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ शामिल हैं, जो रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उन्हें बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि मरीजों को स्वस्थ जीवन की ओर ले जाने का प्रयास है।
सरकारी लक्ष्य और समाज की भूमिका:
गर्ग ने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने का संकल्प लिया है। इसके लिए न केवल स्वास्थ्य विभाग, बल्कि सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों को भी आगे आने की जरूरत है। उन्होंने क्षेत्रवासियों से अपील की कि वे टीबी मरीजों के प्रति सहानुभूति रखें और उनके पुनर्वास में सहयोग दें।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, टीबी के इलाज के दौरान मरीजों को लगातार 6-8 महीने तक दवाएं लेनी होती हैं। इस दौरान शरीर को पर्याप्त पोषण न मिलने से उपचार प्रभावित हो सकता है। पोषण किट इसी कमी को पूरा करती है। साथ ही, इससे मरीजों का मनोबल भी बढ़ता है।
डॉ. सपन गर्ग ने कहा कि संजीवनी हॉस्पिटल भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से समाज की सेवा करता रहेगा। वहीं, जरीफ अहमद ने टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और नियमित जांच पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टीबी लाइलाज नहीं है, लेकिन इसके उन्मूलन के लिए सभी को साथ आना होगा।
यह पहल न केवल टीबी मरीजों के लिए एक बेहतर जीवन की उम्मीद जगाती है, बल्कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार और समाज के सहयोग का एक उदाहरण भी पेश करती है। आने वाले समय में और अधिक संस्थाओं के इस अभियान से जुड़ने की संभावना है।