
शामली के कैराना न्यायालय परिसर का न्यायमूर्ति देशवाल ने किया निरीक्षण, डिजिटल मामलों की समीक्षा
N-STEP और E-Prison Portal के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर, अधिवक्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण
न्यायमूर्ति देशवाल का पीएसी बैंड और पुष्पवर्षा के साथ भव्य स्वागत, जिला अधिकारी हुए शामिल
कैराना न्यायालय परिसर का निरीक्षण: न्यायमूर्ति देशवाल ने डिजिटल प्रणालियों की समीक्षा की
शामली, 29 मार्च। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं माननीय प्रशासनिक न्यायाधीश, शामली, अरुण कुमार देशवाल ने गुरुवार को जनपद न्यायालय शामली के अंतर्गत कैराना न्यायालय परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने न्यायिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने वाली डिजिटल प्रणालियों N-STEP (नेशनल सॉफ्टवेयर फॉर ट्रांसपेरेंस इन कोर्ट प्रोसेसेज) और E-Prison Portal के क्रियान्वयन की गहन समीक्षा की।
न्यायिक अधिकारियों के साथ बैठक, दिशा-निर्देश जारी
निरीक्षण के बाद न्यायमूर्ति देशवाल ने जनपद न्यायाधीश विकास कुमार और अन्य न्यायिक अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर इन डिजिटल पहलों को और प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि N-STEP और E-Prison Portal न्यायिक प्रक्रियाओं को तेज करने तथा कैदियों के डेटा प्रबंधन में क्रांतिकारी भूमिका निभा सकते हैं।
अधिवक्ताओं को प्रशिक्षण: तकनीकी दक्षता पर फोकस
निरीक्षण के पश्चात, कैराना बार भवन में स्थानीय अधिवक्ताओं के लिए N-STEP और E-Prison Portal के उपयोग पर विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य वकीलों को इंडिया की डिजिटल न्यायिक प्रणालियों से जोड़कर कागजी कार्यवाही को कम करना था। प्रशिक्षण में ई-फाइलिंग, केस ट्रैकिंग, और जेल प्रबंधन से जुड़ी तकनीकी प्रक्रियाएं समझाई गईं।
पुष्पवर्षा और सम्मान के साथ स्वागत
इस अवसर पर न्यायमूर्ति देशवाल का पीएसी बैंड की धुनों और पारंपरिक पुष्पवर्षा के साथ भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम में जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता, न्यायिक अधिकारी, तथा प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। शामली के जिला जज विकास कुमार ने कहा कि यह प्रशिक्षण न्यायालयों और जेल प्रशासन के बीच समन्वय बढ़ाएगा।
तकनीकी उन्नयन से बदलेगी न्यायिक तस्वीर
N-STEP और E-Prison Portal की सफलता से न केवल केसों का निपटारा तेज होगा, बल्कि कैदियों के अधिकारों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी। न्यायमूर्ति देशवाल के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन ने इन प्रणालियों को पूरी क्षमता से लागू करने का आश्वासन दिया है।
इस कार्यक्रम के साथ शामली जिले में न्यायिक प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे प्रयास न्यायपालिका और आम जनता के बीच विश्वास बढ़ाएंगे।