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गांव पंजोखरा में गन्ना किसान जागरूकता गोष्ठी आयोजित: बसंतकालीन बुवाई और रोग प्रबंधन पर हुई चर्चा
शामली। कांधला गांव पंजोखरा निवासी किसान सोहनबीर के आवास पर मंगलवार को गन्ना कृषक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में बसंतकालीन गन्ना बुवाई अभियान के तहत किसानों को आधुनिक बुवाई विधियों, रोग प्रबंधन, और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में कैन डेवलपमेंट विभाग, गन्ना मिल प्रशासन और कृषि विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।

रोगरोधी प्रजातियों पर जोर

कैन डेवलपमेंट हेड सीपी मलिक ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गन्ने की पारंपरिक प्रजातियों में बढ़ते रोगों के मद्देनजर किसानों को नई और रोगरोधी किस्मों को अपनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिन प्रजातियों में रोगों का प्रकोप अधिक है, उन्हें बदलकर बेहतर उत्पादन वाली किस्में लगाने से खर्च कम होगा और आय बढ़ेगी।

सही समय पर कीटनाशक का उपयोग

डीसीओ रणजीत सिंह कुशवाहा ने गन्ना फसल में कीटनाशकों के विवेकपूर्ण इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि दवाइयों का छिड़काव सही समय और सही तरीके से होना चाहिए, नहीं तो उनका प्रभाव कम हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि गन्ना मिल की ओर से किसानों को दवाइयों पर 50% सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही, आधुनिक बुवाई यंत्रों को किराए पर उपलब्ध कराने की सुविधा भी शुरू की गई है।

आधुनिक तकनीक और सरकारी सहायता

गोष्ठी में मौजूद अन्य अधिकारियों ने गन्ना बुवाई की ट्रेंच विधि, ड्रिप सिंचाई, और जैविक खाद के उपयोग जैसी आधुनिक तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया। किसानों को फसल चक्र अपनाने और मिट्टी परीक्षण के आधार पर उर्वरक इस्तेमाल करने की सलाह भी दी गई। इसके अलावा, गन्ने के प्रमुख रोगों जैसे लाल सड़न और उकठा रोग के लक्षणों व बचाव के उपायों को विस्तार से समझाया गया।

मौजूद अधिकारी और कृषि विशेषज्ञ

कार्यक्रम में सुशील पंवार (सप्लाई हेड), जेस्ट गन्ना विकास निरीक्षक प्रेम नारायण शुक्ला, ओमप्रकाश सिंह, यशपाल सिंह, सोमपाल सिंह, डॉ. पवन कुमार (कृषि वैज्ञानिक), श्यामू, संतरपाल, रायसिंह और मदन सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

किसानों ने जताई संतुष्टि

गोष्ठी में शामिल किसानों ने इसे उपयोगी बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से नवीनतम जानकारियाँ मिलती हैं, जो उत्पादन बढ़ाने में मददगार साबित होती हैं। गन्ना मिल प्रशासन ने घोषणा की कि गाँव-गाँव जाकर ऐसी गोष्ठियाँ आयोजित की जाएंगी, ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सकें।

समापन:
इस गोष्ठी के माध्यम से किसानों को गन्ना खेती के वैज्ञानिक तरीकों और सरकारी सुविधाओं की जानकारी मिली, जिससे उनकी आय बढ़ाने और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने में मदद मिलने की उम्मीद है।

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