
बलिया में ट्रैफ़िक पुलिस अधिकारी का सराहनीय व सद्भावना कदम, सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक टिप्पणियों ने छेड़ा सवाल
यूपी पुलिस की प्रशंसनीय पहल पर नफ़रत भरे कॉमेंट्स, कार्रवाई का इंतज़ार!
उत्तर प्रदेश: बलिय। रमज़ान के पवित्र महीने में यूपी पुलिस की एक मिसाली पहल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी है। ज़िले के एक ट्रैफ़िक सब-इंस्पेक्टर ने एक रोज़ेदार युवक को हेलमेट तोहफ़े में दिया और उसकी इफ़्तारी के लिए चॉकलेट भी प्रदान की। इस दौरान उन्होंने अनुशासन का संदेश देते हुए कहा, “रोज़ा हो या रोड, दोनों में अनुशासन ज़रूरी है,” साथ ही पैगंबर मुहम्मद की हदीस याद दिलाते हुए कहा कि “जहां भी रहें, वहां के नियमों का पालन करना चाहिए।”
यूपी पुलिस ने की तारीफ़, पर नफ़रती तत्व यहां भी सक्रिय
यूपी पुलिस के आधिकारिक X (ट्विटर) हैंडल ने इस घटना को साझा करते हुए अधिकारी की सराहना की और नागरिकों से नियमों का पालन करने की अपील की। हालांकि, इस पोस्ट के कुछ उपयोगकर्ताओं ने सांप्रदायिक नफ़रत भरी टिप्पणियां करके माहौल खराब करने की कोशिश की।
नफ़रत भरे कॉमेंट्स ने उछाला सवाल
X यूजर rakesh89s ने लिखा, “इन लोगों को दूसरे हेलमेट की आवश्यकता है, जनसंख्या विस्फोट करके देश को बर्बाद करते जा रहे हैं।” वहीं, एक दूसरा कॉमेंट “अगर यहां कोई हिंदू होता, तो पुलिस चालान काट चुकी होती। ये लोग टोपी पहनकर बाइक चलाते हैं, पर कुछ नहीं होता।” इन टिप्पणियों ने पुलिस के इस सराहनीय क़दम को ठेंगा दिखाया है और साथ ही सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक संवेदनशीलता और कानून के सामने समानता पर बहस छेड़ दी है।
https://x.com/rakesh89s/status/1899475218944454684?t=LdlDAe_nnhxw9BsLw-zwRQ&s=19
क्या करेगी यूपी पुलिस?
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यूपी पुलिस इन नफ़रत फैलाने वाले यूजर्स के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेगी? भारतीय कानून के तहत साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। हालांकि, अभी तक पुलिस की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
नैतिकता बनाम नफ़रत
यह घटना समाज में सद्भाव और कानून के प्रति जागरूकता के महत्व को रेखांकित करती है। एक तरफ़ पुलिस अधिकारी की मानवीय पहल है, तो दूसरी ओर सोशल मीडिया की विषैली मानसिकता। अब देखना है कि यूपी पुलिस नैतिकता की इस लड़ाई में किसका साथ देती है।