
पीआरडी जवान की सड़क दुर्घटना: डायल 108 पर लापरवाही के आरोप, अस्पताल पहुंचाने में हुई देरी
शामली। कांधला। स्थानीय थाना क्षेत्र की एलम चौकी पर तैनात पीआरडी (प्रादेशिक आरक्षी दल) के जवान घसीटराम सोमवार को ड्यूटी समाप्त कर घर लौटते समय एक अज्ञात वाहन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद पीड़ित ने आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा डायल 108 पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सूचना मिलने के बावजूद एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंची, जिसके चलते उन्हें राहगीरों की मदद से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचना पड़ा।
घटना का क्रम
घसीटराम खन्द्रावली निवासी हैं और एलम चौकी में तैनाती के दौरान सोमवार को ड्यूटी पूरी कर घर लौट रहे थे। रास्ते में एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के तुरंत बाद उन्होंने डायल 108 को सूचना दी, लेकिन आरोप है कि एम्बुलेंस सेवा ने समय पर मदद नहीं भेजी। मजबूरन घसीटराम को राहगीरों की सहायता से नजदीकी कस्बे तक पहुंचना पड़ा, जहां थाने के सिपाही योगेश कुमार और यशवीर सिंह ने उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएससी) में भर्ती कराया।
स्वास्थ्य स्थिति और इलाज
चिकित्सकों ने घसीटराम का प्राथमिक उपचार किया, लेकिन उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें बड़े अस्पताल रेफर कर दिया। मामले में अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना की जानकारी मिलते ही घायल की मदद की गई, लेकिन वाहन चालक की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है।
डायल 108 पर सवाल
घटना ने एक बार फिर डायल 108 सेवा की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित के परिजनों का कहना है कि यदि समय पर एम्बुलेंस पहुंच जाती, तो घसीटराम की हालत इतनी न बिगड़ती। सेवा प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
पुलिस की कार्रवाई
स्थानीय थाना प्रभारी ने बताया कि दुर्घटना स्थल से संबंधित सबूत जुटाए जा रहे हैं। वाहन चालक की तलाश के लिए सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान लिए जा रहे हैं। हालांकि, पीड़ित या उनके परिवार की ओर से अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस मामले ने ग्रामीणों में रोष पैदा किया है। लोगों का कहना है कि सुरक्षा बलों के जवानों की सहायता में ढिलाई अस्वीकार्य है। उन्होंने प्रशासन से घटना की निष्पक्ष जांच और डायल 108 सेवा में सुधार की मांग की है।
समाचार प्रकाशन तक घसीटराम का इलाज जारी था और पुलिस मामले में कानूनी कार्रवाई को अंतिम रूप दे रही है।