स्टार यूनिवर्स मीडिया न्यूज़ एजेंसी
विजिलेंस दर्पण समाचार पत्र संवाददाता: झिंझाना में कब्रिस्तान में लगा मेला धर्मगुरुओं ने कब्रिस्तान को बना दिया पैसों का व्यापार जहां मुर्दे दफनाए जाते हैं वहां बजा रहे हैं गाने एवं कब्रों के ऊपर लगा हुआ है सर्कस
जहां पूरी रात चलता है नाच गाना सर्कस में कब्र के ऊपर लगी हुई है कुर्सियां इसको क्या बोलेंगे धर्म गुरुओं के पैसों की भूख
पैसे की भूख ने नाबिना कर दिया मेला लगाना गलत नहीं है पर मेला लगाते वक्त यह भी देखना चाहिए कि मेला लगाना कहां है ,मेला कब्रिस्तान हो या शमशान दोनों में नहीं लगाना चाहिएं मेला खाली जगह में लगाना चाहिए कब्रिस्तान के ऊपर नहीं! दरगाह के जिम्मेदार बस ये देख रहे हैं कि पैसा किसी भी तरिके से आए बस पैसा आना चाहिए, मेला कब्रों के ऊपर चाहे क्यों ना हो।
मेले में कब्रों के ऊपर बना रखा है रहने का स्थान अगर दरगाह के जिम्मेदारों से पूछा जाता है कि कब्रों के ऊपर क्या मेला लगाना सही है तो वो बोलते हैं यहीं पर ही लगा हुआ मेला जो तुम लोगों करना है वह कर लो हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता।