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दिल्ली। दिल्ली पुलिस के सेंट्रल ज़िले के साइबर थाना की टीम ने एक महिला से ₹19 लाख की ठगी करने वाले गिरोह के पाँच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह खुद को सरकारी अधिकारी बताकर “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर लोगों से भारी रकम वसूल रहा था।

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने पीड़िता को फोन कॉल कर डराया कि उसका आधार कार्ड आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है। उन्होंने सरकारी एजेंसी का अधिकारी बनकर पीड़िता को कानूनी कार्रवाई की धमकी दी और उससे कहा कि जांच के लिए उसे अपने बैंक खाते में मौजूद सभी रकम एक निर्धारित खाते में ट्रांसफर करनी होगी। डर के माहौल में पीड़िता ने ₹19 लाख की राशि आरोपियों के बताए खातों में जमा करा दी।

तकनीकी ट्रेसिंग से मिली सफलता

मामले की जांच इंस्पेक्टर संदीप पंवार के नेतृत्व में की गई। पुलिस टीम ने तकनीकी निगरानी और बैंक ट्रांजेक्शनों की ट्रेसिंग के आधार पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में सभी पाँच अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

मुख्य आरोपी का लंबा आपराधिक इतिहास सामने आया है। वह देशभर में 473 से अधिक साइबर अपराध के मामलों में संलिप्त पाया गया है। पुलिस ने गिरोह से एक लक्ज़री कार, 14 स्मार्टफ़ोन, 33 सिम कार्ड, 40 चेक बुक्स, 15 मोहरें और बैंक खातों से जुड़े कई अन्य दस्तावेज़ बरामद किए हैं।

साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के निर्देश!

दिल्ली पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध कॉल, ईमेल या लिंक पर भरोसा न करें और ऐसे मामलों की तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस ने कहा है कि इस तरह की “डिजिटल अरेस्ट” या “ऑनलाइन वेरीफिकेशन” के झांसे में आकर कोई भी अपनी व्यक्तिगत या बैंकिंग जानकारी साझा न करे।

 

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