रामलीला मंचन का भव्य समापन भरत मिलाप व भगवान श्रीराम के राजतिलक की लीला ने मोहा जन-मन

 

सादिक सिद्दीक़ी

 

कांधला, धार्मिक व सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत रखने वाली कांधला की ऐतिहासिक रामलीला इस बार और भी आकर्षक व भव्य रूप में सामने आई। मौहल्ला शेखजादगान स्थित सनातन धर्म मंदिर पंजाबी धर्मशाला में बीते पखवाड़े से चल रहे श्रीरामलीला मंचन कार्यक्रम का समापन भरत मिलाप और भगवान श्रीराम के राजतिलक की अद्भुत लीला के साथ हुआ।अंतिम दिन के मंचन में भगवान श्रीराम के लंका विजय उपरांत अयोध्या लौटने की भावपूर्ण कथा को बड़े ही शानदार व भावनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया। मंचन में दर्शाया गया कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान श्रीराम हनुमान जी को भरत लाल के पास भेजते हैं ताकि वह उनके शीघ्र आगमन का संदेश पहुंचा सकें। यह दृश्य उपस्थित लोगों के लिए अत्यंत रोमांचक और भावविभोर कर देने वाला रहा।14 वर्षों बाद राम आगमन से अयोध्या में छाया उल्लास, मंचन ने कराया उस युग का सजीव अनुभव कार्यक्रम में यह दृश्य भी दर्शाया गया कि कैसे 14 वर्षों के वनवास के बाद भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन पर नगरवासी उत्साह और उमंग से झूम उठते हैं। मंदिर परिसर में “जय श्रीराम” के गगनभेदी नारों के बीच कलाकारों ने रामराज्य की स्थापना और भगवान श्रीराम के राजतिलक की झांकी प्रस्तुत की। लीला की भावनात्मक व भव्य प्रस्तुति ने उपस्थित जनसमूह को आध्यात्मिक आनंद और भक्ति भाव से सराबोर कर दिया।

सांस्कृतिक समरसता की मिसाल

आयोजकों ने मंचन के अंत में सभी कलाकारों व दर्शकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि ऐसे धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन न केवल समाज में भक्ति व आस्था को सुदृढ़ करते हैं, बल्कि सामाजिक समरसता और हमारी सनातन परंपराओं को भी जीवंत बनाए रखते हैं।

समाज के अनेक गणमान्य नागरिक रहे उपस्थित

भव्य समापन कार्यक्रम में डॉ. दिनेश्वर चौहान, डॉ. रणवीर सिंह, अनिल कुमार मित्तल, महावीर प्रसाद अग्रवाल, जितेंद्र सैनी, घनश्याम सैनी, सभासद यशु सैनी, नरेश सैनी, गुणपाल जैन, राजेंद्र राही, सर्वेश वर्मा, कन्हैया सैनी सहित क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे और भगवान श्रीराम की इस दिव्य लीला का आनंद लिया।

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