
नमामि गंगे को बढ़ावा: वाटर ट्रीटमेंट प्लांट संचालन के लिए 10 एमवीए ट्रांसफॉर्मर हुआ सक्रिय!
अतिभार से जूझ रही विद्युत व्यवस्था में क्रांति: कैराना के ग्रामीणों को अब नहीं झेलनी पड़ेगी बिजली कटौती!
कैराना, 17 जून: 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र पंजीठ से जुड़े हजारों उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। विद्युत विभाग ने यहां स्थापित 5 एमवीए क्षमता वाले ट्रांसफॉर्मर को अपग्रेड कर 10 एमवीए क्षमता के नए ट्रांसफॉर्मर में बदल दिया है, जिससे रामड़ा, पंजीठ, मामौर और मवी गांवों के घरेलू व कृषि (ट्यूबवेल) उपभोक्ताओं को अब बेहतर बिजली आपूर्ति मिल सकेगी। इसके अलावा, नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत मामौर में संचालित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को भी निर्बाध बिजली मिलेगी, जिससे पेयजल आपूर्ति सुचारू होगी।
गर्मी के संकट में ट्रांसफॉर्मर अपग्रेड की अहमियत
पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी ने विद्युत व्यवस्था पर अत्यधिक दबाव डाला है। अधिकतम तापमान 45°C को पार करने के कारण बिजली की मांग बढ़ी, जिससे पुराना 5 एमवीए ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड होकर बार-बार फेल हो रहा था। इससे ग्रामीणों को दिन में 6-8 घंटे तक बिजली कटौती झेलनी पड़ती थी, जिससे इनवर्टर चार्ज करना भी मुश्किल हो गया था और धान की नर्सरी तैयार करने वाले किसान परेशान थे 3। नया 10 एमवीए ट्रांसफॉर्मर इस चुनौती का समाधान लेकर आया है। यह ट्रांसफॉर्मर 33 केवी को 11 केवी में बदलने की क्षमता रखता है और तेल-शीतलित (ONAN) प्रणाली पर काम करता है, जो उच्च तापमान में भी स्थिर प्रदर्शन दे सकता है।
आधिकारिक शुभारंभ और भविष्य की योजनाएं
रविवार को एसडीओ कैराना अमित कुमार गुप्ता की मौजूदगी में इस ट्रांसफॉर्मर का विधिवत् शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर भाकियू नेता पुष्कर सैनी और बिजलीघर स्टाफ भी उपस्थित रहे। एसडीओ गुप्ता ने बताया कि यह उन्नयन नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत किया गया है, ताकि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यक्षमता बनी रहे। उन्होंने आश्वासन दिया कि इससे अब उपभोक्ताओं को वोल्टेज फ्लक्चुएशन या लोडशेडिंग की समस्या नहीं होगी। ध्यान देने योग्य है कि मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी ऊर्जा मंत्री द्वारा इसी तरह के उपायों पर जोर दिया जा रहा है, जहां तकनीकी सुधारों के माध्यम से बिजली सरप्लस का दावा किया गया है।
ट्रांसफॉर्मर की प्रमुख विशेषताएँ:
- क्षमता 10 एमवीए (पूर्व में 5 एमवीए) घरेलू व कृषि उपभोक्ताओं की बिजली मांग पूरी करना!
- तकनीक तेल-शीतलित (ONAN), कॉपर वाइंडिंग, 33/11 केवी रेटिंग उच्च तापमान में भी 99% दक्षता और कम रखरखाव लागत!
- पर्यावरण अनुकूलता कम ऊर्जा हानि (नो-लोड लॉस 8.5 किलोवाट) 11 ऊर्जा संरक्षण और टिकाऊ संचालन!
- सामाजिक प्रभाव 4 गांवों (रामड़ा, पंजीठ, मामौर, मवी) एवं जल संयंत्र लाभान्वित कृषि, पेयजल और दैनिक जीवन में सुधार!
इस उन्नयन से स्पष्ट है कि बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के बिना ग्रामीण क्षेत्रों में 24×7 बिजली आपूर्ति का लक्ष्य असंभव है। विशेषज्ञों के अनुसार, 10 एमवीए ट्रांसफार्मर जैसे उपाय ओवरलोडिंग और ट्रिपिंग जैसी समस्याओं का स्थायी समाधान प्रदान करते हैं। इसी दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों को गति देते हुए अन्य जिलों में भी ऐसे प्रोजेक्ट्स लागू किए जाने की उम्मीद है।