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ईरान के 4 एटॉमी साइट्स तबाह, सेना प्रमुख समेत 6 टॉप अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए; ईरान ने फहराया ‘लाल झंडा’!

खामेनेई कीचेतावनी- ज़ायोनी इकाई को कड़ी सज़ा की उम्मीद करनी चाहिए। इस्लामी गणतंत्र की सैन्य शक्ति का मज़बूत हाथ उसे जाने नहीं देगा। अपराधी इकाई (इज़राइल) ने अपने लिए एक कड़वी नियति और पीड़ा से भरा भविष्य तय कर लिया है।

तेहरान/तेल अवीव, 13 जून। इजरायल ने शुक्रवार तड़के ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर इतिहास के सबसे बड़े हमले में ऑपरेशन ‘राइजिंग लायन’ चलाया। इस हमले में ईरान के छह शीर्ष सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए, जबकि नतांज सहित चार प्रमुख परमाणु सुविधाएं ध्वस्त हो गईं। ईरान ने इसे “अनुचित आक्रामकता” बताते हुए इजरायल पर 100 से अधिक ड्रोन से जवाबी हमला किया है, जिससे मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा मंडराने लगा है।

इजरायली वायु सेना के 200 फाइटर जेट्स ने तेहरान, नतांज, इस्फहान और अराक में ईरान के परमाणु संयंत्रों, मिसाइल कारखानों और सैन्य कमांड सेंटर्स को निशाना बनाया। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, हमले में 300 से अधिक बम गिराए गए।

ईरानी नेतृत्व को झटका: मारे गए लोगों में IRGC कमांडर-इन-चीफ जनरल हुसैन सलामी, ईरानी सेना प्रमुख मोहम्मद बाघेरी, और परमाणु वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद मेहदी तेहरांची व फेरेदून अब्बासी शामिल हैं। ईरानी मीडिया ने पुष्टि की कि हमले में आर्मी चीफ और IRGC के चार अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मारे गए।

परमाणु कार्यक्रम को गहरा आघात: नतांज की अंडरग्राउंड यूरेनियम संवर्धन सुविधा पूरी तरह नष्ट हो गई। IAEA की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यहां ईरान के पास 9 परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम जमा था। इस्फहान की यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी और अराक के भारी पानी रिएक्टर को भी भारी नुकसान पहुंचा।

ईरान की प्रतिक्रिया और बदले की कसम:

लाल झंडे का संकेत: ईरान ने जामकारान मस्जिद पर ‘लाल झंडा’ फहराकर बदले की घोषणा की, जिसे इस्लामी परंपरा में ‘खून का बदला’ का प्रतीक माना जाता है।

ड्रोन हमला: ईरान ने इजरायल पर 100 से अधिक ड्रोन दागे, जो इराक और जॉर्डन के एयरस्पेस से होते हुए इजरायल पहुंच रहे हैं। IDF ने चेतावनी दी है कि ईरान बैलिस्टिक मिसाइल हमले की भी तैयारी कर रहा है।

खामेनेई का ऐलान: सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने कहा, “इजरायल ने रिहाइशी इलाकों पर हमला किया है। हमारी सेना उसे सजा दिए बिना नहीं छोड़ेगी”।

क्षेत्रीय प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:

पाकिस्तान ने बढ़ाई आग: पाकिस्तान ने इजरायल के हमले की निंदा करते हुए कहा कि ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा का अधिकार है।

एयरलाइन्स पर असर: एयर इंडिया की 16 उड़ानें रूट चेंज करनी पड़ीं, जबकि इजरायली एयरलाइंस एल अल और अर्किया ने सभी विमान देश से बाहर भेज दिए। तेल अवीव का बेन गुरियन एयरपोर्ट बंद कर दिया गया।

नेतन्याहू का तर्क: इजरायली PM ने वीडियो संदेश जारी कर कहा, “ईरान ने हमारे विनाश का खुला आह्वान किया और 9 परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम जमा किया। हमारा अस्तित्व खतरे में था”।

भविष्य के खतरे:

सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि ईरान का ड्रोन हमला पहला जवाबी कदम है और वह हिजबुल्लाह व हमास के साथ मिलकर बड़ा हमला कर सकता है। अमेरिका ने मध्य पूर्व से अपने कर्मचारियों को हटाना शुरू कर दिया है, जबकि इजरायल ने सभी अस्पतालों को अंडरग्राउंड बंकरों में शिफ्ट किया है।

विशेष जानकारी:

ईरान को हमले की 2-3 दिन पहले चेतावनी मिली थी, लेकिन उसकी एस-300 और बवर-373 एयर डिफेंस सिस्टम इजरायल के F-35 स्टील्थ विमानों और साइबर अटैक के आगे फेल हो गईं।

इजरायल ने गुप्त ड्रोन बेस बनाकर हमला किया। मोसाद एजेंट्स ने तेहरान के पास छिपकर हथियार जमा किए और एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय किया।

“यह हमला इजरायल के वजूद की लड़ाई है। ईरान परमाणु बम बनाने की कगार पर था और हमें अंतिम उपाय के रूप में कार्रवाई करनी पड़ी,” — इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार ने जर्मन समकक्ष को फोन पर बताया ।

IDF ने नागरिकों को बंकरों में शरण लेने को कहा है, जबकि ईरानी सेना ने खाड़ी देशों से जहाज़ों को हटाने की चेतावनी दी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तत्काल युद्धविराम की अपील की है, लेकिन दोनों देश ‘पूर्ण युद्ध’ के लिए तैयार दिख रहे हैं।

 

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