
इज़राइल के हमले में ईरानी सेना प्रमुख जनरल मोहम्मद बागेरी की मौत, परमाणु स्थल भी निशाने पर!
मिडिल ईस्ट में युद्ध की आशंका: अमेरिका ने कहा- हम शामिल नहीं, ईरान ने अमेरिका को दोषी ठहराया!
तेहरान, 13 जून: इज़राइल ने शुक्रवार तड़के ईरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिसमें ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बागेरी और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ जनरल होस्सेइन सलामी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मारे गए। ईरान की स्टेट टीवी ने इनकी मौत की पुष्टि की है।
हमले की रणनीति और निशाने:
इज़राइली वायुसेना ने 200 से अधिक लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करते हुए “ऑपरेशन राइजिंग लायन” चलाया। इस दौरान ईरान भर में 100 से ज़्यादा लक्ष्यों पर हमले किए गए, जिनमें नतान्ज़ का यूरेनियम संवर्धन संयंत्र और परमाणु वैज्ञानिकों के ठिकाने शामिल थे।
हमले में तीन अन्य वरिष्ठ कमांडर और कम से कम दो परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए। ईरानी राज्य मीडिया के अनुसार, तेहरान स्थित IRGC मुख्यालय और आवासीय इमारतें भी निशाने पर थीं।
ईरान की जवाबी कार्रवाई:
हमले के कुछ घंटों बाद ही ईरान ने 100 से अधिक ड्रोन इज़राइल की ओर भेजे। इज़राइल ने चेतावनी दी है कि ईरान बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर सकता है।
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि इस “अपराध का कड़ा जवाब दिया जाएगा” और इज़राइल को “दर्दनाक नियति” का सामना करना पड़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ:
- अमेरिका ने स्पष्ट किया कि वह हमले में शामिल नहीं था। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि “हमारी प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा है”।
- सऊदी अरब ने हमले की “सख़्त निंदा” करते हुए कहा कि यह “अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है”।
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और “युद्ध की राह से हटने” का आह्वान किया।
क्षेत्रीय असर:
जॉर्डन ने अपना एयरस्पेस अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और चेतावनी दी कि वह “किसी भी संघर्ष के लिए युद्धक्षेत्र नहीं बनेगा”।
तेल की कीमतों में 9% की उछाल आई है, और भारत समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
भविष्य की आशंकाएँ:
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ऑपरेशन “जितने दिन चलेगा, चलता रहेगा”, हालाँकि उन्होंने इज़राइली नागरिकों से चेतावनी जारी की कि ईरानी जवाबी हमले में “पहले से कहीं अधिक नुक़सान” हो सकता है।
अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता जो रविवार को ओमान में होनी थी, स्थगित हो गई है, जिससे कूटनीतिक समाधान की संभावनाएँ धूमिल हुई हैं।
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