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नासा का ISS मिशन संकट में! मस्क की ‘ड्रैगन बंद’ धमकी से अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी अधर में!

पेंटागन-सीआईए मुश्किल में! स्टारलिंक और जासूसी उपग्रहों पर मंडराया खतरा! नासा के भविष्य की उड़ान भरने का सपना धराशायी? ट्रंप-मस्क विवाद ने पेंटागन और खुफिया एजेंसियों को डाला मुसीबत में!

न्यूयॉर्क, 8 जून। एलोन मस्क और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच तनातनी ने अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रमों को गहरे संकट में डाल दिया है। मस्क द्वारा स्पेसएक्स के ‘ड्रैगन कैप्सूल’ को बंद करने की धमकी से नासा का अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुँचने का एकमात्र स्वदेशी साधन खतरे में पड़ गया है, जबकि पेंटागन और खुफिया एजेंसियाँ राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर चिंतित हैं।

ड्रैगन बंद होने से क्यों है खलबली?

ISS तक पहुँच का संकट: ड्रैगन कैप्सूल वर्तमान में अमेरिका का एकमात्र ऐसा यान है जो अंतरिक्ष यात्रियों को ISS पर ले जाने और वापस लाने में सक्षम है। इसके बंद होने से नासा को रूसी सोयुज रॉकेट पर निर्भर होने का जोखिम उठाना पड़ सकता है, जो वर्तमान भू-राजनीतिक तनाव के कारण अव्यावहारिक है।

नासा का अनुबंधी संकट: स्पेसएक्स नासा के साथ ड्रैगन मिशनों के लिए $5 अरब का अनुबंध रखता है और 2020 से इसकी सेवाएँ प्रदान कर रहा है। नासा की प्रवक्ता बेथनी स्टीवंस ने स्वीकार किया कि एजेंसी के पास कोई तत्काल विकल्प नहीं है।

मस्क का पलटवार और पीछे हटना: ट्रंप द्वारा सरकारी अनुबंध रद्द करने की धमकी के जवाब में मस्क ने 6 जून को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर ड्रैगन कार्यक्रम बंद करने की घोषणा की, लेकिन कुछ घंटों बाद ही उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया।

पेंटागन और खुफिया एजेंसियों पर क्या प्रभाव?

सैन्य निर्भरता का संकट: स्पेसएक्स पेंटागन के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा उपग्रहों के प्रक्षेपण और स्टारलिंक सेवाएँ संचालित करता है। लगभग 50 सैन्य कमांड स्टारलिंक पर निर्भर हैं, जबकि नेशनल रिकॉनिसेंस ऑफिस (NRO) ने एक गुप्त $1.8 बिलियन के अनुबंध से स्पेसएक्स को सैन्य उपयोग के लिए एन्क्रिप्टेड सैटेलाइट नेटवर्क विकसित करने का काम सौंपा है।

वैकल्पिक प्रदाताओं की कमी: विशेषज्ञों के अनुसार, स्टारलिंक जैसी क्षमता विकसित करने में अन्य कंपनियों को वर्षों लग सकते हैं। टीएमएफ एसोसिएट्स के टिम फरार कहते हैं कि “अन्य प्रदाताओं के लिए स्पेसएक्स की बराबरी करना अत्यंत कठिन है”।

चंद्र और मंगल मिशन पर कैसे पड़ेगा असर?

आर्टेमिस कार्यक्रम को बढ़ावा: मस्क के ट्रंप से अलग होने से नासा के चंद्र मिशनों को समर्थन मिला है। सीनेट कॉमर्स कमेटी ने आर्टेमिस कार्यक्रम के लिए $10 बिलियन आवंटित किए हैं, जिससे जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन कंपनी द्वारा विकसित ‘ब्लू मून’ लैंडर को प्राथमिकता मिल सकती है।

स्टारशिप की अनिश्चितता: स्पेसएक्स का स्टारशिप मून लैंडर नासा के 2027 तक चंद्रमा पर उतरने के लक्ष्य में पिछड़ रहा है। इसकी लगातार विफलताओं और मस्क द्वारा चंद्र मिशन को “विकर्षण” बताने से आर्टेमिस-3 मिशन स्थगित हो सकता है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और भविष्य की राह

रिपब्लिकनों की चिंता: वाशिंगटन के रिपब्लिकन प्रतिनिधि डैन न्यूहाउस ने कहा कि “मुझे उम्मीद है कि यह विवाद हमारे जरूरी कार्यों में बाधा नहीं बनेगा।” पार्टी दोनों नेताओं से तनाव कम करने का आग्रह कर रही है।

अनुबंध रद्द करने की कानूनी चुनौती: नासा की पूर्व उप प्रशासक लोरी गार्वर के अनुसार, “ट्रंप द्वारा व्यक्तिगत द्वेष के आधार पर स्पेसएक्स के अनुबंध रद्द करने का फैसला अदालतों में टिक नहीं पाएगा।” इसी तरह, मस्क द्वारा ISS मिशन रोकना भी अव्यावहारिक है।

अंतरिक्ष की दौड़ में अमेरिकी नेतृत्व दांव पर!

ट्रंप और मस्क के बीच यह टकराव अमेरिका की अंतरिक्ष क्षमताओं के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है। नासा के भविष्य के मिशन, रक्षा उपग्रहों की तैनाती, और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग पर इसका सीधा असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों पक्षों को अपने व्यक्तिगत मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देनी होगी।

 

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