
ट्रंप का ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’: भारत समेत 6 देशों पर पड़ेगा भारी! 3.5% रेमिटेंस टैक्स, NRI की जेब पर डाला गया डांका!
अमेरिका से भारत भेजे जाने वाले पैसे पर 3.5% टैक्स, RBI के मुताबिक 2023 में 119 अरब डॉलर का रेमिटेंस आया था!
H-1B, ग्रीन कार्ड होल्डर्स पर मंडराया संकट, भारतीय प्रवासियों को सालाना 1.6 अरब डॉलर अतिरिक्त टैक्स देना पड़ सकता है!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रस्तावित ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ भारत समेत कई देशों के लिए चिंता का सबब बन गया है। इस बिल में गैर-अमेरिकी नागरिकों (जैसे H-1B वीजा धारक, ग्रीन कार्ड होल्डर्स और अन्य प्रवासी कर्मचारियों) द्वारा विदेश भेजे जाने वाले पैसे पर 3.5% टैक्स लगाने का प्रावधान है। यह टैक्स भारत, मेक्सिको, चीन, फिलीपींस, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा, जहां अमेरिका से बड़ी मात्रा में रेमिटेंस आता है।
भारत पर क्या होगा असर?
- 2023 में भारत को 119 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला, जिसमें से 23% (लगभग 30 अरब डॉलर) अमेरिका से आया।
- 3.5% टैक्स लगने पर भारतीय प्रवासियों को सालाना 1.05 अरब डॉलर (करीब 8,750 करोड़ रुपये) अतिरिक्त चुकाना होगा।
- यह रकम भारत के विदेशी मुद्रा भंडार, रियल एस्टेट निवेश और परिवारों की आय पर सीधा असर डालेगी।
NRI के लिए क्या मायने रखता है ये टैक्स?
- H-1B, F-1 वीजा धारकों और ग्रीन कार्ड होल्डर्स को हर ट्रांजैक्शन पर 3.5% अतिरिक्त टैक्स देना होगा।
- 1 लाख रुपये भेजने पर 3,500 रुपये टैक्स काटा जाएगा।
- इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और घर की EMI जैसे जरूरी खर्चों पर दबाव बढ़ेगा।
क्या हो सकता है भारत का नुकसान?
- विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ सकता है, क्योंकि रेमिटेंस भारत के व्यापार घाटे को पूरा करने में मददगार होता है।
- रियल एस्टेट और स्टॉक मार्केट में NRI निवेश कम हो सकता है।
- अनौपचारिक चैनल (हवाला) के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हो सकती है।
क्या है समाधान?
- भारत सरकार अमेरिका से रेमिटेंस टैक्स पर छूट के लिए बातचीत कर सकती है।
- प्रवासी भारतीय अन्य देशों में निवेश के विकल्प तलाश सकते हैं।
- डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म (जैसे PayPal, वेस्टर्न यूनियन) के जरिए टैक्स बचाने के रास्ते खोजे जा सकते हैं।
ट्रंप का यह बिल भारतीय प्रवासियों और अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। अगर यह कानून बन जाता है