अशोक कुमार पांडेय

 

ग़ज़ा संकट पर भारत सरकार की ख़ामोशी पर सवाल, यूरोप के 17 देशों ने इजरायल की आलोचना की!

वरिष्ठ पत्रकार अशोक पांडेय ने उठाया सवाल: क्या भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अलग-थलग पड़ रहा है?

इंग्लैंड ने फ्री ट्रेड रोका, स्पेन ने दिया सख़्त बयान, लेकिन भारत सरकार क्यों चुप?

नई दिल्ली: ग़ज़ा में इजरायली हमलों और मानवीय संकट को लेकर दुनिया भर में प्रतिक्रियाएँ तेज हो रही हैं, लेकिन भारत सरकार की ओर से इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख़ नहीं दिखाई दे रहा है। इस पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार पांडेय ने सवाल उठाते हुए कहा है कि भारत की ख़ामोशी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी अलग-थलग स्थिति को दर्शाती है।

अशोक पांडेय ने अपने ट्विटर (एक्स) अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा कि “जिनको इस बात का दुख है कि दुनिया का कोई देश साथ नहीं आया, उनके लिए एक फैक्ट: आज ग़ज़ा के मुद्दे पर यूरोप के 17 देश इजरायल की मज़म्मत (आलोचना) कर चुके हैं। इंग्लैंड ने फ्री ट्रेड रोका है, स्पेन का बयान है, लेकिन आपने कहीं भारत सरकार का एक बयान देखा? कम से कम यही बयान होता कि वहाँ मदद जाने दी जाए।”

उन्होंने आगे कहा कि “इंटरनेशनल मुद्दों पर ऐसी ख़ामोशी बताती है कि आप दुनिया से कितने अलग-थलग हैं।”

यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया:

  • यूरोपीय संघ के कई देशों ने इजरायल की कड़ी आलोचना की है।
  • ब्रिटेन ने इजरायल के साथ फ्री ट्रेड समझौते पर रोक लगा दी है।
  • स्पेन ने ग़ज़ा में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में इजरायल के ख़िलाफ़ सख़्ट बयान जारी किया है।

भारत की स्थिति पर सवाल:

भारत ने अब तक ग़ज़ा संकट पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, जबकि पहले फिलिस्तीन के समर्थन में मदद भेजी गई थी। विदेश मंत्रालय की ओर से केवल यही कहा गया है कि भारत शांति और मानवीय सहायता का समर्थन करता है।

विश्लेषकों की राय:

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत इस मुद्दे पर संतुलित रुख़ अपना रहा है, क्योंकि वह इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है। हालाँकि, कुछ लोगों का कहना है कि मानवाधिकार मुद्दों पर स्पष्ट आवाज़ उठानी चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने के बाद अब देखना होगा कि क्या भारत सरकार इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट रुख़ अपनाती है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!