
कैराना में भूमाफियाओं का कहर: अवैध कॉलोनियों से पर्यावरण और कृषि भूमि दोनों संकट में!
झिंझाना रोड पर अवैध निर्माण का सिलसिला, पावटी बस स्टैंड के सामने उग आई अवैध कॉलोनी!
प्रॉपर्टी डीलरों की सांठगांठ से बढ़ रहा पर्यावरणीय नुकसान, प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल!
अवैध प्लाटिंग से न केवल हरित क्षेत्र सिमट रहा है, बल्कि कृषि उत्पादन पर भी विपरीत असर पड़ रहा है!
कैराना (जिला शामली)। इलाके में भूमाफियाओं की धृष्टता बढ़ती जा रही है। यहां कृषि योग्य भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाकर पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाया जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि झिंझाना रोड पर स्थित पावटी बस स्टैंड के सामने भी बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही है। इससे न केवल हरित क्षेत्र सिमट रहा है, बल्कि कृषि उत्पादन पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।
कैसे हो रहा है पर्यावरण नुकसान?
अवैध कॉलोनियों के विस्तार के लिए भूमाफिया हरे-भरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। इससे वायुमंडल में ऑक्सीजन का स्तर घटने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन की गति तेज हो रही है। स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन निर्माणों से मिट्टी का कटाव बढ़ा है और भूजल स्तर भी खतरनाक स्तर तक गिर गया है।
कृषि भूमि सिकुड़ने से अर्थव्यवस्था पर मंडराया खतरा!
कैराना की उपजाऊ भूमि पर कब्जा कर अवैध प्लाटिंग की जा रही है। इससे किसानों की खेती योग्य जमीन लगातार कम हो रही है, जिसका सीधा असर कृषि उत्पादन पर पड़ा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यही हाल रहा तो आने वाले वर्षों में अनाज के उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी, जो देश की खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक है।
प्रॉपर्टी डीलरों की भूमिका पर सवाल!
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि कुछ प्रॉपर्टी डीलर भूमाफियाओं से मिलकर अवैध कॉलोनियों को “कानूनी” ढांचा देने का झूठा दावा कर रहे हैं। ये डीलर बिना किसी मंजूरी के प्लाट बेचकर लोगों को ठग रहे हैं और पर्यावरणीय नियमों को ताक पर रख दिया गया है।
प्रशासन और नागरिकों की जिम्मेदारी!
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पर्यावरण संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध निर्माणों को तुरंत ध्वस्त किया जाए और भूमाफियाओं व प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, नागरिकों से अपील की गई है कि वे अवैध कॉलोनियों में निवेश करने से बचें और ऐसी गतिविधियों की सूचना प्रशासन को दें।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का समाधान केवल सरकारी निगरानी और जनजागरूकता से ही संभव है। कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने और उन्हें लागू करने की आवश्यकता है। साथ ही, नागरिक समाज को भी पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
कैराना में अवैध कॉलोनियों का मुद्दा सिर्फ जमीन की लूट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरणीय संकट और आर्थिक अस्थिरता का बड़ा कारण बन चुका है। प्रशासन की ओर से ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है, वरना आने वाली पीढ़ियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।