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सीरिया-अमेरिका रिश्तों में ऐतिहासिक मोड़? ट्रंप और अल-शारा की मुलाकात पर दुनिया दंग!

विरोधी से दोस्ती की मिसाल: अमेरिका ने जिसे आतंकी कहा, ट्रंप ने उसी अल-शारा से मिलाया हाथ!

10 मिलियन डॉलर के इनाम वाले अहमद अल-शरा से ट्रम्प की मुलाकात, सीरिया-इजराइल संबंध सामान्य करने की अपील!

एचटीएस के नेतृत्व वाली सीरियाई सरकार को अमेरिकी मान्यता, ISIS से लड़ाई और ‘स्थिरता’ के नाम पर रणनीतिक उलटफेर!

रियाद, 14 मई 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और सीरिया के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के बीच रियाद में हुई ऐतिहासिक बैठक ने विश्व राजनीति में नया मोड़ पैदा कर दिया है। यह मुलाकात तब हुई है, जब महज कुछ महीने पहले तक अमेरिका अल-शरा पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित कर चुका था।

आतंकवादी टैग से सत्ता तक!

सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के प्रमुख हैं, जिसे अमेरिका ने अतीत में अल-कायदा से जुड़े “आतंकवादी समूह” के रूप में चिन्हित किया था। लेकिन, एचटीएस द्वारा बशर अल-असद की सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद अमेरिकी रुख में बड़ा बदलाव आया। दिसंबर 2024 में अमेरिका ने सीरिया पर लगे प्रतिबंध हटाने के साथ ही अल-शरा पर लटके इनाम को भी वापस ले लिया।

बैठक के प्रमुख बिंदु:

  • ट्रम्प ने सीरिया से इजराइल के साथ संबंध सामान्य करने का आग्रह किया।
  • अमेरिका ने एचटीएस की नई सरकार को मान्यता देते हुए कहा कि यह कदम “क्षेत्रीय स्थिरता और ISIS के खिलाफ लड़ाई” के लिए जरूरी है।
  • दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और पुनर्निर्माण पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।

विरोधाभास पर सवाल:

यह बैठक अमेरिकी विदेश नीति के नाटकीय उलटफेर को दर्शाती है। एचटीएस के अल-कायदा से ऐतिहासिक संबंधों के बावजूद, अमेरिका ने उसे “रणनीतिक साझेदार” मान लिया है। विश्लेषकों का मानना है कि ईरान और रूस के प्रभाव को कम करने के लिए अमेरिका ने यह कदम उठाया है।

प्रतिक्रियाएं:

  • सीरियाई विपक्ष: असद समर्थकों ने इस बैठक को “देशद्रोह” बताया है।
  • इजराइल: ट्रम्प के आग्रह का स्वागत करते हुए कहा, “यह पूरे मध्य पूर्व के हित में है।”
  • रूस: अमेरिका के कदम को “अवसरवादी” और “अस्थिर करने वाला” बताया।

इस बैठक के बाद सीरिया के पुनर्निर्माण में अमेरिकी निवेश की संभावना है, लेकिन सवाल यह है कि क्या एचटीएस का इस्लामवादी एजेंडा अमेरिकी हितों के साथ टकराएगा? अभी यह समझौता भू-राजनीतिक चेसबोर्ड पर एक प्रयोग ही लग रहा है।

 

 

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