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गर्मी में ठंडक की तलाश ने लील ली तीन जानें: यमुना के गहरे कुंड में डूबे हरियाणा के युवक!

26 घंटे बाद भी नहीं मिला सुराग, गोताखोरों की टीम जुटी; परिजनों का आरोप-प्रशासनिक लापरवाही!

यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर यमुना का काला पानी: हर साल दर्जनों की जान लेते हैं अवैध खनन से बने कुंड!

कैराना ( शामली)। गर्मी की तपिश से राहत पाने की चाहत ने हरियाणा के तीन युवकों की जान ले ली। रविवार दोपहर करीब 3 बजे पानीपत के वार्ड-12 की वीरनगर कॉलोनी निवासी राकेश (24), पिंटू (30), और श्यामू (19) यमुना नदी में स्नान करने पहुंचे थे। उनके साथ दोस्त सूरज, अजय और राकेश के भाई राजेश भी थे, जो किनारे पर ही बैठे रहे। नहाते समय तीनों युवक अचानक नदी में बने गहरे कुंड में समा गए। साथियों ने शोर मचाकर पुलिस को सूचना दी, लेकिन 26 घंटे बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिल सका।

यूपी और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम ने मोटरबोट और 25 गोताखोरों के साथ तलाशी अभियान शुरू किया, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली।

परिजनों का गुस्सा और आरोप!

घटनास्थल पर पहुंचे परिजनों ने प्रशासनिक देरी को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि गोताखोरों को समय पर नहीं बुलाया गया, जिससे बचाव अभियान धीमा रहा। श्यामू के पिता ने आँसू बहाते हुए कहा कि मेरा बेटा तैरना नहीं जानता था, लेकिन दोस्तों के दबाव में नदी में उतर गया।

यमुना नदी में अवैध रेत खनन से बने गहरे कुंड हर साल दर्जनों जानें लेते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन कुंडों की गहराई 40-50 फीट तक होती है, जहाँ भंवर बनने से तैराक भी बच नहीं पाते। पिछले पाँच वर्षों में इसी क्षेत्र में 100 से अधिक लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है।

हालाँकि प्रशासन ने नदी किनारे चेतावनी बोर्ड लगाए हैं और गर्मियों में पुलिस गश्त बढ़ाई जाती है, लेकिन युवाओं की लापरवाही बरकरार है। सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नहरों में गहरे कुंडों को मापने का कोई तंत्र नहीं है, इसलिए दुर्घटनाएँ रुक नहीं रहीं।

पिछली घटनाएँ और चिंताजनक आँकड़े:

जून 2021 में पानीपत के सनौली में चार युवक डूबे, जिनमें से एक का शव 20 घंटे बाद मिला।

अगस्त 2021 में राजस्थान के तीन युवकों में से दो के शव 12 दिन बाद भी नहीं मिले।

2023 में कौशांबी में दो भाइयों सहित तीन किशोरों की डूबने से मौत हुई।

प्रशिक्षु सीओ जितेंद्र कुमार ने बताया कि तलाशी अभियान जारी है और नदी के निचले हिस्सों में गोताखोरों को तैनात किया गया है। साथ ही, अवैध खनन रोकने के लिए हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका का हवाला देते हुए प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई का वादा किया है।

यह घटना यमुना नदी में बढ़ते अवैध खनन और सुरक्षा उपायों की कमी की ओर इशारा करती है। प्रशासन को न केवल तलाशी अभियान तेज करने की जरूरत है, बल्कि नदी किनारे अवैध गतिविधियों पर रोकथाम और जनजागरूकता अभियान चलाने की भी आवश्यकता है।

 

 

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