
सहारनपुर में अवैध निर्माणों पर बवाल: विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों पर मिलीभगत के आरोप!
ईदगाह और मदरसे के समीप अवैध स्विमिंग पूल व निर्माण, SDA अधिकारियों पर लगे भ्रष्टाचार के इल्ज़ाम!
अवैध निर्माणों से सरकारी राजस्व को खतरा, सख्त जांच और कार्रवाई की मांग!
सहारनपुर। सहारनपुर में अवैध निर्माण की घटनाएं लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं। शहर के दो प्रमुख स्थानों — ज़ोन आठ कलासिया रोड स्थित शाखलकी ईदगाह के सामने और महफूज़ गार्डन रोड पर सीमेंट की दुकान के बराबर लड़कियों के मदरसे के नजदीक — अवैध निर्माणों को लेकर स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों में रोष है। इन निर्माणों के पीछे सहारनपुर विकास प्राधिकरण (SDA) के इंजीनियरों और अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया जा रहा है।
ईदगाह के समीप स्विमिंग पूल का अवैध निर्माण
कलासिया रोड के अंतिम छोर पर शाखलकी ईदगाह के सामने एक स्विमिंग पूल का निर्माण चर्चा में है। स्थानीय निवासियों का दावा है कि यह निर्माण बिना अनुमति के किया जा रहा है और इसके लिए ज़ोनिंग नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। आसपास के निवासियों ने बताया कि प्राधिकरण के अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे आरोप लगाया जा रहा है कि इंजीनियरों ने निर्माणकर्ताओं के साथ सांठगांठ कर रखी है।
मदरसे के पास सीमेंट दुकान के बगल में अवैध ढांचा
दूसरा मामला महफूज़ गार्डन रोड पर सामने आया है, जहां लड़कियों के मदरसे के निकट एक सीमेंट की दुकान के बराबर में अवैध निर्माण जारी है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह निर्माण ग़लत है, जिससे मदरसे में पढ़ने वाली छात्राओं की सुरक्षा और शांति भंग हो रही है। इसके अलावा, इस निर्माण से सरकारी राजस्व को भारी नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
आरोप: SDA अधिकारी कर रहे हैं आर्थिक चोट!
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारी और इंजीनियर नियमों को नजरअंदाज कर अवैध निर्माणों को संरक्षण दे रहे हैं। इससे न केवल सरकारी कोष को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि शहर की योजनाबद्ध विकास प्रक्रिया भी बाधित हो रही है। आरोप है कि यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है और ऐसे निर्माणकर्ताओं से मोटी रकम वसूली जा रही है।
मांगें: त्वरित जांच और कार्रवाई
इन मामलों को लेकर स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि:
विकास प्राधिकरण के उच्च अधिकारी तत्काल शिकायतों की जांच करें।
एक स्वतंत्र समिति गठित कर अवैध निर्माणों और अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाए।
दोषी पाए जाने पर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़े प्रशासनिक और कानूनी कदम उठाए जाएं।
सहारनपुर में अवैध निर्माण की ये घटनाएं शहरी प्रबंधन और प्रशासनिक लापरवाही की गंभीर समस्या को उजागर करती हैं। सरकार और प्राधिकरण को न केवल इन निर्माणों को रोकने बल्कि भ्रष्टाचार की जड़ें उखाड़ने के लिए ठोस नीतिगत कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।