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“3 लाख रुपये की लूट का 24 घंटे में पर्दाफाश! साथी ‘मासूम’ ने रची थी पूरी साजिश”

“सीआईए टीम ने ठोस कार्रवाई कर चार आरोपियों को किया गिरफ्तार, बरामद हुआ लूट का माल”

“महंगे शौक ने बनाया अपराधी, मुनीम के साथी ने ही दी लूट की प्लानिंग”

पानीपत (हरियाणा)। पुलिस अधीक्षक श्री लोकेंद्र सिंह आईपीएस के नेतृत्व में सीआईए टीम ने मित्तल मेगा माल के नजदीक हुई 3 लाख रुपये की साहसिक लूट की वारदात को महज 24 घंटे के भीतर सुलझा लिया है। हैरानी की बात यह रही कि पीड़ित का साथी “मासूम” ही इस लूट का मुख्य साजिशकर्ता निकला। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लूटी गई नकदी और वारदात में इस्तेमाल बाइक बरामद की है।

कैसे हुई वारदात?

थाना चांदनी बाग में अगम फ्रुट कंपनी के मुनीम नितेश (निवासी बिहार) ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 24 मार्च को दोपहर 2 बजे वह कंपनी का 3 लाख रुपया बैंक जमा कराने जा रहा था। इस दौरान, मित्तल मेगा माल के पास खाली ग्राउंड में तीन बाइक सवार युवकों ने उसकी बाइक रोककर पैसे वाला बैग छीन लिया। नितेश के साथ मौजूद उसका साथी “मासूम” भी मारपीट का शिकार हुआ।

साजिश का खुलासा

सीआईए 2 प्रभारी इंस्पेक्टर फूल कुमार ने बताया कि शक के आधार में मासूम से पूछताछ की गई, जिसने अपने तीन साथियों — आसिर (पुत्र अब्बास), हुसैन (पुत्र वाजिद) और ओवेश (पुत्र दिलशाद) — के साथ मिलकर लूट की योजना बनाना स्वीकारा। पता चला कि आसिर, हुसैन और ओवेश को महंगे जूते-कपड़े और खाने-पीने का शौक था। उन्होंने मासूम से पानीपत में किसी ऐसे व्यक्ति का पता लगाने को कहा, जिसे आसानी से लूटा जा सके। मासूम ने नितेश को निशाना बनाया, क्योंकि वह नियमित रूप से कंपनी का कैश बैंक ले जाता था।

रैकी और वारदात

24 मार्च की सुबह, तीनों आरोपी पानीपत पहुंचे और मासूम के साथ बाइक पर कंपनी से बैंक तक के रास्ते का मुआयना किया। दोपहर में जब नितेश बैग लेकर निकला, तो उन्होंने बाइक रोककर बलपूर्वक पैसे छीन लिए।

पुलिस की कार्रवाई

मासूम की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने सहारनपुर (यूपी) के लंडौरा गुज्जर गांव से तीनों अन्य आरोपियों को धर दबोचा। कोर्ट ने मासूम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जबकि अन्य तीन को पुलिस रिमांड पर ले लिया गया।

पीड़ित की शिकायत

नितेश ने बताया कि लुटेरों ने बिना नंबर प्लेट वाली एचएफ डिलक्स बाइक से हमला किया और जीटी रोड की तरफ भाग निकले। पुलिस ने मामले में सुसंगत धाराओं के तहत केस दर्ज कर त्वरित कार्रवाई की।

अंतिम अपडेट

पुलिस अधीक्षक ने इस तेजी से सुलझे मामले को टीमवर्क और तकनीकी जांच का नतीजा बताया। आरोपियों के खिलाफ सबूतों को मजबूत करने के लिए गहन पूछताछ जारी है।

 

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